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नहीं बचेंगे फर्जी राशन कार्डधारी

कार्रवाई शुरू . फर्जी राशन कार्डधारियों के खिलाफ जारी होगा नोटिस राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत सर्वेक्षण में प्रमाणित रूप से गरीब पाये गये कार्डधारियों की होगी जांच. नोटिस का जवाब देने के लिए एक सप्ताह का मिलेगा समय, कई सफेदपोश व अमीरजादे पकड़े जायेंगे. गोपालगंज : अपने को गरीब बता कर फर्जी तौर […]

कार्रवाई शुरू . फर्जी राशन कार्डधारियों के खिलाफ जारी होगा नोटिस

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत सर्वेक्षण में प्रमाणित रूप से गरीब पाये गये कार्डधारियों की होगी जांच. नोटिस का जवाब देने के लिए एक सप्ताह का मिलेगा समय, कई सफेदपोश व अमीरजादे पकड़े जायेंगे.
गोपालगंज : अपने को गरीब बता कर फर्जी तौर पर राशन कार्डधारी बने अमीरों के बुरे दिन आनेवाले हैं. उनके राशन कार्ड तो रद्द होंगे ही साथ ही अब तक उनके द्वारा उठाये गये राशन को लेकर उन पर सर्टिफिकेट केस भी दर्ज किया जायेगा. इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने हर घर में सर्वेक्षण कराने की योजना तैयार कर ली है. 15 जून से सर्वेक्षण शुरू होगा.
सर्वेक्षण के लिए बनायी गयी टीमों को हर घर में भेजा जायेगा. टीम हर लाभुक से पूछेगी कि आपके पास कार्ड है, तो अपना आधार संख्या व अकाउंट नंबर की फोटोकॉपी जमा कराइये. जिनके नाम पर कार्ड जारी हुआ है वह जिंदा है कि नहीं है. कार्ड है तो किसके पास है. नियमित तौर से राशन का उठाव होता है कि नहीं.
सर्वेक्षण के लिए बनी टीम : अफसरों की मानें, तो सर्वेक्षण के लिए टीम बनायी जा चुकी है. एक टीम में एक विकास मित्र, एक किसान सलाहकार, एक टोला सेवक व एक हलका कर्मचारी को रखा गया है. एक टीम एक पंचायत या वार्ड में सर्वे करेगी.
अमूमन एक दिन में 250 घरों के सर्वेक्षण का लक्ष्य रखा गया है. एक माह में पूरे जिले के सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया जायेगा. प्रखंड स्तर पर बीडीओ, सीओ, बीएओ व बीसीओ की टीम बनायी गयी है. प्रखंड स्तरीय टीम पंचायत स्तर पर बनी टीमों की मॉनीटरिंग करेगी.
सभी एसडीओ को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. एसडीओ हर दिन समीक्षा करेंगे. सर्वेक्षण पारदर्शी हो, इस पर निगरानी रखेंगे. जो भी टीम सर्वेक्षण करेगी, वो शपथपत्र देगी कि उसकी पंचायत में एक भी फर्जी लाभुक नहीं है.
वसूली के लिए दायर होगा सर्टिफिकेट केस
देनी होगी आधार कार्ड व एकाउंट नंबर की कॉपी
सर्वेक्षण के दौरान एक फाॅर्मेट में घर की वर्तमान जानकारी ली जायेगी. 2011 की एसइसीसी गणना के दौरान दी गयी जानकारी से मिलान किया जायेगा. यह देखा जायेगा कि कहीं घर बैठे ही सर्वेक्षण तो नहीं कर लिया गया या फिर दबाव में नाम तो नहीं डाला गया. राशनकार्डधारी वर्तमान में कहां रहता है? राशन का उठाव करता है कि नहीं? राशन कार्ड कहां है? यानी हर हाल में राशनकार्डधारी की वास्तविक स्थिति की जानकारी ली जायेगी. राशनकार्डधारी का आधार नंबर व एकाउंट नंबर भी लिया जायेगा.
इससे झूठ व सच की जानकारी भी हो जायेगी. गरीबों की श्रेणी में कई दारोगा हैं, तो कई मारुति सवार भी. इतना ही नहीं कई बड़े अफसरों के मातहत काम कर रहे सरकारी बाबू भी हैं, जो सब्सिडी का राशन उठाने से गुरेज नहीं करते. आलीशान मकान वालों की संख्या तो अनगिनत है जो राशन उठाने पहुंच जाते हैं.
लगभग 17 लाख प्रमाणित गरीब लाभुक उठाते हैं राशन
विभागीय अफसरों के अनुसार जिले में लगभग 17 लाख लाभुक हैं. इतने लाभुक राशन का उठाव करते हैं. इन परिवारों को प्रति व्यक्ति तीन रुपये की दर से तीन किलो चावल व दो रुपये की दर से दो किलो गेहूं दिया जाता है. एक व्यक्ति की मासिक खुराक पांच किलो अनाज मानी गयी है. इस तरह एक परिवार में यदि 10 व्यक्ति है तो वह परिवार सब्सिडी के 50 किलो अनाज का हकदार है. अधिक सदस्य है तो और अधिक अनाज देना होता है. यानी यह पूर्ण रूप से घर के सदस्यों की संख्या पर निर्भर होता है. यदि जांच होती है तो ऐसे हजारों नाम सामने आयेंगे जो पूर्विक्तता की श्रेणी में नहीं आते हैं और अनाज का उठाव कर कालाबाजारी करते हैं.
40 फीसदी फर्जी होने का संदेह, जांच के बाद बढ़ेगी परेशानी
विश्वस्त सूत्रों की मानें, तो जिले में फर्जी राशन कार्डधारियों की संख्या लगभग 40 फीसदी है. यानी दस परिवार में से चार का कार्ड संदेहास्पद व जांच के दायरे में आयेगा. क्योंकि सब्सिडी का अनाज पाने की जो पात्रता है उस पात्रता को काफी संख्या में लोगों ने फर्जी व झूठी जानकारी देकर हासिल किया है. कई कार्डधारी ऐसे हैं. जिनके घर तीन मंजिला है, परंतु उन्होंने फूस का घर लिखवाया है. वाहन, फ्रिज, टीवी व अन्य विलासिता की वस्तुएं घर में हैं और वे गरीब के दायरे में हैं. ऐसे में जांच होती है, तो इस तरह के लोगों की पोल खुलेगी.
हजारों क्विंटल अनाज बचेगा, जो वास्तविक गरीबों का निवाला बनेगा.
यदि आप शहरी कार्डधारी हैं, तो देख लें इस श्रेणी में तो नहीं आते?
तीन कमरे या उससे अधिक कमरे का पक्का मकान.
दोपहिया वाहन, रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन तो नहीं है.
चारपहिया वाहन या एयरकंडीशनर तो घर में नहीं है.
परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में तो नहीं है.
परिवार के किसी सदस्य के नाम में से गैर कृषि उद्यम तो नहीं है.
परिवार को कोई सदस्य आयकरदाता तो नहीं है.
परिवार को कोई सदस्य पेशाकर दाता तो नहीं
परिवार का कोई सदस्य प्रतिमाह 20 हजार से अधिक कमाता तो नहीं है.
अगर है तो अविलंब लौटा दें राशनकार्ड
मोटर चालित तिपहिया या चरपहिया वाहन तो नहीं है.
मशीन संचालित तीन पहिया व चरपहिया कृषि उपकरण तो नहीं है.
सरकार में पंजीकृत गैर कृषि उद्योग वाले कृषि उपकरण तो नहीं है.
परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में तो नहीं है.
मकान में सभी कमरों की पक्की दीवारों और छत के साथ तीन अथवा अधिक कमरे तो नहीं है.
– परिवार का कोई सदस्य आयकरदाता तो नहीं है.
– परिवार का कोई सदस्य पेशकरदाता तो नहीं है.
– परिवार का कोई सदस्य प्रतिमाह 10 हजार से अधिक कमाता तो नहीं है.
– परिवार में कम से कम एक सिंचाई उपकरण के साथ 2.5 एकड़ या अधिक सिंचित भूमि तो नहीं है.
– दो अथवा उससे अधिक फसली मौसम के लिए पांच एकड़ अथवा इससे अधिक सिंचित भूमि वाली गृहस्थी तो नहीं है.
– कम से कम एक सिंचाई उपकरण के साथ कम से कम 7.5 एकड़ अथवा इससे अधिक सिंचित भूमि वाली गृहस्थी तो नहीं है.

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