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मधेशी आंदोलन को माले का नैतिक समर्थन, नेपाल सरकार इसे सुलझा लेगी : दीपंकर

मधेशी आंदोलन काे माले का नैतिक समर्थन, नेपाल सरकार इसे सुलझा लेगी : दीपंकरनेपाल के आंतरिक मामले में भारत सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिएमोदी सरकार की विदेश नीति हर मोरचे पर फ्लॉप, नीति पर हो पुनर्विचारसिरिया में अमेरिकी हमलों और पश्चिमी देशों के अभियान से अलग ही रहे भारत विस में सशक्त विपक्ष की […]

मधेशी आंदोलन काे माले का नैतिक समर्थन, नेपाल सरकार इसे सुलझा लेगी : दीपंकरनेपाल के आंतरिक मामले में भारत सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिएमोदी सरकार की विदेश नीति हर मोरचे पर फ्लॉप, नीति पर हो पुनर्विचारसिरिया में अमेरिकी हमलों और पश्चिमी देशों के अभियान से अलग ही रहे भारत विस में सशक्त विपक्ष की भूमिका निभायेगा माले, जन समस्याओं के समाधान के लिए करेगा आंदोलन संवाददाता, पटना नेपाल में चल रहे मधेशी आंदोलन का भाकपा-माले नैतिक समर्थन करती है. माले को पक्का भरोसा है कि नेपाल सरकार इस समस्या को सुलझा लेगी. यह मामला नेपाल का आंतरिक मामला है, भारत सरकार को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. नेपाल में चल रहे मधेशी आंदोलन को ले कर उक्त बातें बुधवार को माले के राष्ट्रीय सचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कही. वे आईएमए हॉल में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि यदि मधेशी आंदोलन को ले कर भारत हस्तक्षेप करेगा, तो अन्य देश कश्मीर और पंजाब को ले कर हिंदुस्तान में सवाल खड़े करेंगे. उन्होंने कहा कि नेपाल में वाम दल की चुनी हुई सरकार है. वह इसका हल जल्द ही निकाल लेगी. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार को अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करने की सलाह दी. मोदी सरकार की विदेश नीति हर मोरचे पर फ्लॉप साबित हुई है. उन्होंने कहा कि युद्ध आतंकवाद की समस्या का समाधान नहीं है. पश्चिमी देशों ने आतंकवाद की समाप्ति के नाम पर जिस तरह से सिरिया पर बमबारी की है, माले उसकी निंदा करता है. पश्चिमी देशों ने अफगानिस्तान की घटनाओं से कुछ भी नहीं सीखा. पश्चिम एशिया में सत्ता परिवर्तन व हस्तक्षेप की अमेरिकी नीति का उन्होंने कड़ा विरोध किया. उन्होंने भारत सरकार को इस अभियान से पूरी तरह अलग रहने की नसीहत भी दी. माले के राष्ट्रीय महासचिव ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित तमिलनाडू और पांडेचेरी को राष्ट्रीय-आपदा क्षेत्र घोषित करने की मांग की. उन्होंने बताया की भाकपा-माले भी दोनों राज्यों के आपदा पीड़ितों के लिए राहत राशि इक्कठा कर रहा है. पार्टी ने अब-तक 12 लाख रुपये एकत्रित किये हैं. इसमें कम्बयूटुर कारखाने के मजदूरों ने चार लाख रुपये दिये हैं. उन्होंने देश और खास कर बिहार में महंगी होती जा रही शिक्षा को सस्ती करने की भी मांग केंद्र व बिहार सरकार से की. बिहार में बढ़ती अापराधिक घटनाओं पर उन्होंने चिंता जतायी और नीतीश सरकार से इस पर अविलंब रोक लगाने को पहल करने की मांग की. उन्होंने कहा कि भाकपा-माले विधान सभा सें सशक्त विपक्ष की भूमिका निभायेगा और सूबे की समस्याओं के समाधान के लिए जनआंदोलन भी करेगा. संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, राजबिंदर सिंह, स्वदेश भट्टाचार्य और धीरेंद्र झा आदि भी मौजूद थे.

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