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मुखिया समेत तीन पर प्राथमिकी

कार्रवाई : हसनपुर पंचायत में फर्जीवाड़ा कर मनरेगा योजना में की गयी थी धांधली मनरेगा घोटाले मामला पटना हाइकोर्ट में जाने के बाद प्रशासन की नींद खुली है. हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मनरेगा घोटाले की जांच की गयी. जांच में आरोप सत्य निकला. चार दिसंबर को जिलाधिकारी ने विभाग को आरोपित मुखिया को पद्च्युत […]

कार्रवाई : हसनपुर पंचायत में फर्जीवाड़ा कर मनरेगा योजना में की गयी थी धांधली
मनरेगा घोटाले मामला पटना हाइकोर्ट में जाने के बाद प्रशासन की नींद खुली है. हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मनरेगा घोटाले की जांच की गयी. जांच में आरोप सत्य निकला. चार दिसंबर को जिलाधिकारी ने विभाग को आरोपित मुखिया को पद्च्युत करने की अनुशंसा की थी. सेवामुक्त पीआरएस पर भी प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था. नौ दिसंबर को मुखिया समेत तीन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी.
मामले की जांच ग्रामीण विकास विभाग की टीम ने वर्ष 2014 में की थी. कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. इसी मामले में हाइकोर्ट की सख्ती पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है.
गोपालगंज : मनरेगा घोटाले में बरौली प्रखंड की हसनपुर पंचायत के मुखिया समेत तीन लोगों पर सिधवलिया थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी. यह प्राथमिकी डीडीसी सुनील कुमार के आदेश पर मनरेगा के पीओ के द्वारा दर्ज करायी गयी है. इसमें मुखिया उषा देवी, ग्रामीण लवलेश ठाकुर तथा सेवामुक्त पीआरएस को अभियुक्त बनाया गया है. पटना हाइकोर्ट में हसनपुर के रहनेवाले प्रत्युष कुमार तिवारी ने मनरेगा में घोटाले को लेकर रिट दाखिल किया था.
हाइकोर्ट ने इस मामले में डीएम से रिपोर्ट तलब की. डीडीसी ने इस मामले की जांच के लिए बरौली के सीओ को निर्देश दिया. बरौली के सीओ ने 16 नवंबर को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी. सीओ की रिपोर्ट के बाद डीडीसी जीउत सिंह ने वरीय उपसमाहर्ता परमानंद प्रसाद तथा मनरेगा के एसडीओ आशुतोष कुमार ठाकुर की टीम गठित की. टीम ने जांच में आरोपों को सत्य पाते हुए अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी.
कहां मनरेगा में हुई धांधली
केस 1- हरिहर सिंह एवं उनकी बहू प्रतिभा कुंवर के नाम पर 11 हजार 840 रुपये का भुगतान मजदूरी के रूप में किया गया है, जबकि जांच के दौरान हरिहर सिंह एवं उनकी बहू के द्वारा भुगतान लिये जाने से इनकार किया गया है. बहू आशा है.
केस 2-हसनपुर पंचायत में अवयस्क किशोरों के नाम पर भी पीआरएस के द्वारा जॉब कार्ड निर्गत किया गया है. जांच के क्रम में कार्डधारियों ने कार्ड बनने एवं भुगतान लेने से इनकार किया है.
केस 3-राकेश ठाकुर एवं लवलेश ठाकुर चंद्रमा ठाकुर के पुत्र हैं, जबकि चंद्रमा ठाकुर के दो पुत्र लवलेश ठाकुर एवं रविरंजन ठाकुर हैं. इनमें रविरंजन ठाकुर के नाम से जॉब कार्ड नहीं है, जबकि लवलेश ठाकुर के द्वारा 1497 एवं राकेश ठाकुर के द्वारा 1626 क्रमांक जॉब कार्ड निर्गत है, जिसमें 2080 रुपये में 1976 रुपये का भुगतान किया गया है. दोनों जॉब कार्डधारियों ने नहीं लेने की बात कही है.
डीएम कर चुके हैं मुखिया को पदच्युत करने की अनुशंसा : मुखिया को पदच्युत करने के लिए डीएम राहुल कुमार ने पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को अनुशंसा की है. साथ ही सेवा मुक्त पीआरएस पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.
डीडीसी ने 20 नवंबर को डीएम को रिपोर्ट भेजते हुए कहा है कि मनरेगा योजना में फर्जी कागजात का सृजन कर आपराधिक षड्यंत्र किया गया है. मुखिया उषा देवी को तत्काल पदच्युत करने एवं सेवा मुक्त पीआरएस लोकेश ठाकुर पर एफआइआर का आदेश दिया गया है.

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