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चोरी की मूर्ति आसपास ही किसी गांव में!

चोरी की मूर्ति आसपास ही किसी गांव में!- जमुई के सिकंदरा से गायब हुई महावीर जैन की ऐतिहासिक मूर्ति का मामला- आसपास के गांवों या पड़ोसी जिलों के कुछ चुनिंदा गांवों में सर्च कर सकती पुलिससंवाददाता, पटनाराज्य से ऐतिहासिक मूर्तियों की चोरी के अब तक के सबसे बड़े मामले की जांच सीबीआइ ने शुरू कर […]

चोरी की मूर्ति आसपास ही किसी गांव में!- जमुई के सिकंदरा से गायब हुई महावीर जैन की ऐतिहासिक मूर्ति का मामला- आसपास के गांवों या पड़ोसी जिलों के कुछ चुनिंदा गांवों में सर्च कर सकती पुलिससंवाददाता, पटनाराज्य से ऐतिहासिक मूर्तियों की चोरी के अब तक के सबसे बड़े मामले की जांच सीबीआइ ने शुरू कर दी है. जमुई के सिकंदरा से गायब हुए भगवान महावीर की 2600 साल पुरानी मूर्ति को लेकर अभी तक कोई ठोस सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस की अब तक की गयी छानबीन में यह बात सामने आयी है कि चोरी की गयी एेतिहासिक मूर्ति को आसपास के ही किसी गांव या आसपास के किसी जिले के गांव में ही इसे छिपाकर रखा गया है. इतनी भारी-भरकम मूर्ति को ले जाना किसी चुनौती से कम नहीं है. चोर मामला शांत होने और पुलिस की गतिविधि थमने के इंतजार में हो सकते हैं. ताकि इन्हें मूर्ति को किसी बाहरी राज्य या स्थान तक ले जाने में किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े. हालांकि, पुलिस इस मूर्ति को लेकर यह नहीं स्पष्ट कर पायी है कि इसे किस स्थान पर छिपाया जा सकता है. इस मामले में मूर्ति के स्थान को लेकर थोड़ा भी लोकेशन मिलने के बाद आसपास के संबंधित गांवों या स्थान पर पुलिस गहन सर्च कर सकती है. 2006 में पटना संग्रहालय से करीब 18 ऐतिहासिक मूर्तियों की चोरी हुई थी, जिन्हें नालंदा और नवादा की सीमा पर स्थित गिरियक से बरामद की गयी थी. इस स्थान से पहले भी चोरी की कुछ ऐतिहासिक मूर्तियां बरामद की जा चुकी हैं. इन बातों के मद्देनजर इस बार भी सीबीआइ को संदेह है कि नालंदा और नवादा के कुछ गांवों में मूर्तियां छिपायी जा सकती हैं. इस कारण सीबीआइ की टीम नालंदा, नवादा, शेखपुरा समेत आसपास के अन्य जिलों में छानबीन कर सकती है. इन जिलों में भी सीबीआइ की टीम गयी है. मोबाइल टॉवर का निकाला गया लोकेशनसीबीआइ ने जांच शुरू करने के साथ ही घटना वाले स्थल के आसपास मौजूद तमाम मोबाइल टॉवरों से हुई बातचीत का कॉल डिटेल निकाला है. इसमें यह देखा जा रहा है कि घटना वाले दिन किस-किस मोबाइल नंबर पर कहां-कहां कितनी बार बात हुई है. कौन-से नंबर पर कितनी देर तक बात हुई है. किन-किन नंबरों पर बार-बार बात हुई है. रात आठ बजे के बाद बातचीत हुई नंबरों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. अब तक हुई जांच में अब तक कुछ ऐसे नंबर सामने आये हैं, जिनका लोकेशन आसपास के ही क्षेत्र का है. ज्यादातर नंबर आसपास के ही मिल रहे हैं. कुछ नंबरों को सर्विलांस पर भी रखा गया है. हालांकि अभी किसी ठोस नतीजा पर जांच अधिकारी नहीं पहुंचे हैं.

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