जगतौली पंचायत में घोटालों की होगी जांच .. तीन सदस्यीय टीम गठित, एक – एक योजना की होगी जांच .. मुखियापति के खाते में गये थे 71.50 लाख रुपये .. मृतकों को दिया गया था इंदिरा आवास का लाभसंवाददाता, भोरेजगतौली पंचायत में घोटालों की फाइल अब फिर से खुलेगी. इसके लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर लिया गया है. जांच टीम जगतौली की एक-एक योजना की जांच करेगी. मुखियापति रमेश प्रसाद सिंह के खाते में इंदिरा आवास के 71.50 लाख रुपये भेजे जाने की शिकायत पर शुरू हुई जांच में यह तथ्य उभर कर सामने आया था कि दो मार्च, 2014 को एक साथ लाभुकों के खाते में पैसा भेजने के लिए तीन-तीन सलाह सूचियां निर्गत की गयीं. जांच अधिकारी ने पहली सलाह सूची के आधार पर यह अंदेशा जताया था कि क्रमांक 1-20 तक के आधा दर्जन क्रमांकों के सामने ‘डी’ अंकित कर या तो मृत या फिर डबल लाभ दिये जाने का मामला है. इसके अंतर्गत कुछ क्रमांकों के सामने संभवत: पूर्व में आवंटित राशि की तिथि भी अंकित की गयी है. इसके बावजूद करीब दर्जन भर लाभुकों को दुबारा 50-50 हजार की दर से राशि का आवंटन किया जा रहा था. वहीं दूसरी सलाह सूची की जांच में क्रम संख्या 2-16 तक के करीब दर्जन भर लाभुकों के नाम के आगे 20 जनवरी, 2013 दरसाया गया था, जो उनके पूर्व में आवास आवंटित होने का संकेतक प्रतीत हो रहा था. लेकिन, इसके बावजूद पुन: सलाह सूची में लाभुकों का नाम जोड़ा जाना और संपूर्ण राशि को मुखियापति के व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित करने के पीछे गहरी साजिश थी. जांच अधिकारी ने सलाह सूची दो के कुल 77 व्यक्तियों के नाम पर यह सवाल उठाया था कि इस सलाह सूची में न तो लाभुकों का खाता दर्ज है और न ही उनका बीपीएल नंबर है. इसके बावजूद 50 हजार रुपये की दर से कुल 38.50 लाख रुपये भेज दिये गये. भेजे गये मुखियापति के खाते में 71.50 लाख रुपये तीसरी सलाह सूची के अनुसार इंदिरा आवास के लाभार्थियों का एक मुश्त पैसा 71.50 लाख रुपये मुखियापति रमेश प्रसाद सिंह के निजी खाते में तथा दो लाख रुपये उसी पंचायत के उमेश यादव के खाते में भेज दिये गये. बाद में मामले का खुलासा होने के बाद राशि वापस करायी गयी थी. हालांकि यहां पंचायत सचिव सच्चिदानंद द्वारा दिये गये प्रतिवेदन में यह स्पष्ट किया गया था कि लाभुक बीपीएलधारी हैं तथा इन्हें पूर्व में आवास का लाभ नहीं दिया गया है. लेकिन, एक बड़ा सवाल था कि आखिर किन परिस्थितियों में एक ही पंचायत के एक ही योजना से संबद्ध लाभुकों के लिए एक ही दिन एक ही पत्रांक-दिनांक से तीन-तीन सलाह सूची कैसे जारी कर दी गयी. पहली और दूसरी सलाह सूचियों में क्रमांक एवं नाम के सामने ‘डी’ तथा पूर्व के वर्षों की तिथियां अंकित करने का क्या अर्थ था? इस संबंध में डीडीसी जिउत कुमार ने बताया कि जगतौली का मामला काफी दिनों से लंबित पड़ा था, जिसकी जांच के लिए टीम का गठन कर लिया गया है. शीघ्र ही जांच शुरू होगी.
जगतौली पंचायत में घोटालों की होगी जांच
जगतौली पंचायत में घोटालों की होगी जांच .. तीन सदस्यीय टीम गठित, एक – एक योजना की होगी जांच .. मुखियापति के खाते में गये थे 71.50 लाख रुपये .. मृतकों को दिया गया था इंदिरा आवास का लाभसंवाददाता, भोरेजगतौली पंचायत में घोटालों की फाइल अब फिर से खुलेगी. इसके लिए तीन सदस्यीय टीम का […]
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