बिहार की सड़कों की फाइल केंद्र ने लौटायी चुनाव के ठीक पहले बिहार को बड़ा झटका प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रस्ताव केंद्र ने किया खारिज 2924 किलोमीटर सड़क का होना था निर्माण2565 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गयी 4 508 किलोमीटर सड़क बनाने का था प्रस्ताव पीएमजीएसवाइ के तहत 500की आबादी वाले टोले को संपर्क पथों से जोड़ने की थी योजन9647 करोड़ रुपये बिहार सरकार खर्च कर चुकी है पथों के निर्माण में संवाददाता,पटनाविधानसभा चुनाव में महागंठबंधन की जीत के ठीक बाद केंद्र सरकार ने बिहार को बड़ा झटका दिया है. ग्रामीण इलाकों में करीब तीन हजार किलोमीटर लंबी सड़क बनाने के राज्य के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज करते हुए फाइल राज्य सरकार को लौटा दी है. जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने प्रस्ताव वापस करने के पीछे पैसे की कमी बताया है. केंद्र के इस भेदभव रवैये से राज्य की पांच साै की आबादी वाले टोले को संपर्क पथों से जाेड़ जाने की महत्वाकांक्षी योजना फिलहाल टल सी गयी है. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत राज्य भर में 2924 किलोेमीटर सड़क बनाये जाने का डीपीआर केंद्र ने ही तैयार कराया था. इधर राज्य को पीएमजीएसवाइ के तहत 4508 किलोमीटर सड़क बनाने का प्रस्ताव है. राज्य सरकार केंद्र द्वारा लौटाये गये डीपीआर के बाद नयी सड़कों का प्रस्ताव तैयार करने में ही आशंकित हो रही है कि कहीं इसे भी खारिज न कर दिया जाये. कितनी की है योजनाराज्य में 2924 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए कुल 2565 करोड़ की योजना तैयार की गयी थी. इस डीपीआर को केंद्र सरकार ने ही तैयार कराया था. केंद्र के इस रवैये से राज्य सरकार अचंभित है. इसको लेकर राज्य सरकार एक बार फिर केंद्र से पत्राचार करेगी. ग्रामीण सड़कों में राज्य के साथ होनेवाले सौतेले व्यवहार को लेकर ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने बताया कि राज्य की बसावटों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए 2924 किलोमीटर सड़कों की आवश्यकता है. इन सड़कों का निर्माण होता है तो पीएमजीएसवाइ की अर्हता रखनेवाले गांवों को जोड़ा जाता. राज्य सरकार ने सड़कों का डीपीअार तैयार कर भारत सरकार के पास भेजा था जिसे केंद्र सरकार ने अस्वीकृत कर दिया है.क्या है कारण केंद्र सरकार ने यह डीपीआर यह कहते हुए लौटाया है कि इसके लिए बजट में राशि अनुपलब्ध है. राशि का रोना रोकर केंद्र ने राज्य की सड़कों के निर्माण पर फिलहाल रोक लगा दी है. मंत्री ने कहा : भेदभाव कर रहा केंद्र ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने बताया कि विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर राज्य सरकार केंद्र को पत्र भेजने जा रही है. राज्य की मांग को पूरा करने के लिए पदाधिकारियों को भी दिल्ली भेजा जायेगा जिससे राज्य के वाजिब हक को पूरा लिया जा सके. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि केंद्र सरकार भाजपा शासित राज्यों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत दूसरे चरण की सड़कों के लिए राशि स्वीकृत कर रही है जबकि बिहार में अर्हता वाले गांवों को भी संपर्कता देने की स्वीकृति नहीं दी जा रही है. स्थिति यह है कि बिहार सरकार नें अपने कोष से 9647 करोड़ रुपये खर्च कर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पथों का निर्माण करा चुकी है. राज्य सरकार द्वारा खर्च की गयी बकाया राशि का भी केंद्र सरकार भरपायी नहीं कर रही है. उन्होंने बिहार कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों से भी मांग की है कि वह राज्य की वाजिब मांगों को पूरा कराने में नैतिक साहस दिखाएं.
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बिहार की सड़कों की फाइल केंद्र ने लौटायी
बिहार की सड़कों की फाइल केंद्र ने लौटायी चुनाव के ठीक पहले बिहार को बड़ा झटका प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रस्ताव केंद्र ने किया खारिज 2924 किलोमीटर सड़क का होना था निर्माण2565 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गयी 4 508 किलोमीटर सड़क बनाने का था प्रस्ताव पीएमजीएसवाइ के तहत 500की आबादी वाले टोले […]
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