तारानरहवां:गोपालगंज में भी तारानरहवां बाजार के पास ढाई एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर आसाराम का आश्रम बनाया गया है. वहीं दूसरी ओर प्रशासन इससे बेखबर है. 27 जनवरी, 2000 को यहां आसाराम के आश्रम की नींव डाली गयी थी. तब से इलाके के कई संभ्रांत परिवारों के लोग के बीच यहां प्रवचन का कार्यक्रम चलता था.
आश्रम की बनायी गयी दवाओं को बेचा भी जाता था. यहां दर्जन भर आसाराम के सेवादार स्थायी रूप से रहते थे. पिछले 15 दिनों से इस आश्रम में आने-जानेवाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. शनिवार की रात काले रंग की एक्सयूवी गाड़ी आने के बाद आश्रम में ताला लटका हुआ है. पड़ोस में रहनेवाली ग्रामीण महिला देवंती देवी ने बताया कि इस आश्रम में बापू का प्रवचन चलता था. प्रोजेक्टर पर भी बापू के प्रवचन को सुनाया जाता था. आश्रम के बनने की जांच की गयी, तो जो तथ्य सामने आया वह यह कि गोपालपुर थाना क्षेत्र के पुरखास गांव के रहनेवाले एक प्रभावशाली व्यक्ति, जो अहमदाबाद में रहते थे, आसाराम के शिष्य हैं.
उनके प्रयास से तारानरहवां बाजार के पास स्थित ढाई एकड़ सरकारी जमीन पर आश्रम 13 वर्षो से कायम है. डीएम कृष्ण मोहन ने कहा कि आसाराम के आश्रम की जानकारी प्रशासन को नहीं थी. अगर यहां आश्रम है, तो इसकी जांच करायी जायेगी. सरकारी जमीन पर आश्रम बना है या नहीं, इसको लेकर सीओ से रिपोर्ट मांगी गयी है. जैसे ही रिपोर्ट आयेगी, आश्रम को तत्काल खाली करा दिया जायेगा.