किसानों को पौधे से लेकर खाद व तकनीकी सहयोग देगा ग्रामीण विकास विभाग
आम, लीची, अमरूद, जामुन, नीबू, कटहल, नीम, सागवान, शीशम, महुआ, अजरुन, महोगनी, सेमल, कदंब आदि के पौधे लगा सकते हैं किसान
विभाग ने सीएमएक्स कंपनी को सौंपी गांव में बागबानी लगवाने की जिम्मेवारी
एक सौ से अधिक पौधे लगाने पर ही मिलेगा लाभ
मनरेगा के तहत लगाये जायेंगे पौधे
पांच साल तक पौधे की देखरेख कंपनी की तरफ से की जायेगी
पौधा सूखने पर नि:शुल्क बदल देने की है व्यवस्था
गोपालगंज : आप किसान हैं, आपके पास ऐसी जमीन उपलब्ध है जिस पर आम तौर पर खेती नहीं कर पाते, तो अब चिंता छोड़िए. ऐसी जमीन पर बागबानी लगा कर आप मालामाल हो सकते हैं. जरूरत सिर्फ इस बात की है कि आप उस जमीन में बागबानी लगाने के लिए तैयार हों. इसके लिए आप को पौधों से लेकर प्लांटेशन, खाद से लेकर तकनीकी जानकारी और पानी के लिए चापाकल की व्यवस्था भी ग्रामीण विकास विभाग ने कर रखा है. इस बार मनरेगा योजना से किसान अपने खेत में बागबानी करेंगे.
किसानों के खेतों में ग्रामीण विकास विभाग से चयनित सीएमएक्स के अधिकारी खुद जाकर बागबानी लगवायेंगे. पांच साल तक इसकी देखरेख कंपनी की तरफ से की जायेगी. इस बीच अगर पौधा सूखता है, तो उसे तत्काल नि:शुल्क बदल दिया जायेगा. किसान अपने अनुसार आम, लीची, अमरूद, जामुन, नीबू, कटहल, नीम, सागवान, शीशम, महुआ, अजरुन, महोगनी, सेमल, कदंब आदि के पौधे लगा सकते हैं.
क्या है बागबानी का गणित
आमतौर पर एक कट्ठा जमीन में 10 फलदार पेड़ लगाये जा सकते हैं, जिसमें एक पेड़ आम पर ही नजर डालें, तो एक क्विंटल आम निकलता है. बाजार में एक क्विंटल आम का मूल्य कम-से-कम 20 हजार रुपये होगा यानी एक कट्ठे में बागबानी से 20 हजार रुपये का फल प्राप्त किया जा सकता है. उसी तरह लीची एक पेड़ में 80 से 150 किलो तक की उपज प्राप्त की जा सकती है. लीची थोक भाव में 30 रुपयेकिलो है. लीची का पेड़ एक कट्ठे में 16 लगाया जा सकता है. लाभ की बात करें तो 72 हजार की आमदनी की जा सकती है. यही फॉमरूला अमरूद का भी है.
निगरानी के लिए मिलेंगे 1400 रुपये प्रतिमाह
बागबानी की निगरानी करनेवाले किसान को प्रतिमाह मनरेगा के तहत 1400 रुपये पांच वर्षो तक उपलब्ध कराया जायेगा. यह राशि किसान के खाते में जायेगी. इस राशि से किसान पौधों को समय पर पानी और उसकी निगरानी रखेंगे. चाहें तो निगरानी के लिए किसी मजदूर को भी रख सकते हैं. इसका उद्देश्य सिर्फ यह है कि नीलगाय या किसी अन्य पशु से पौधों को नुकसान न हो. पांच वर्ष तक निगरानी के लिए यह राशि सरकार उपलब्ध करायेगी.
क्या है प्रक्रिया
बागबानी के लिए किसान सोमवार से प्रखंड मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन लेकर जमा कर सकते हैं. आवेदन के साथ जमीन की रसीद आवश्यक है. आवेदन में यह तय होगा कि कम-से-कम सौ से अधिक पेड़ लगाया जाये. यह सुविधा एक सौ से अधिक पेड़ लगानेवाले किसान को ही मिलेगी. किसान आवेदन देकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं.