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गंडक की उफान में सैकड़ों एकड़ तरबूज की फसल बरबाद

किसानों को लाखों का हुआ नुकसानकैसे चुकता होगा कर्ज, चिंता में डूबे किसानएक महीना पहले ही नदी में आ गया पानीफोटो-1संवाददाता, बरौलीगंडक नदी में उफान ने दियारे के किसानों की कमर तोड़ दी है. समय से एक माह पहले आये पानी ने सैकड़ों एकड़ तरबूज की फसल को गला दिया है. ऐसे में किसानों की […]

किसानों को लाखों का हुआ नुकसानकैसे चुकता होगा कर्ज, चिंता में डूबे किसानएक महीना पहले ही नदी में आ गया पानीफोटो-1संवाददाता, बरौलीगंडक नदी में उफान ने दियारे के किसानों की कमर तोड़ दी है. समय से एक माह पहले आये पानी ने सैकड़ों एकड़ तरबूज की फसल को गला दिया है. ऐसे में किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. गौरतलब है कि प्रखंड के सलेमपुर, सलेहपुर, हसनपुर का दियारा तरबूज और लालमी उत्पाद के लिए प्रसिद्ध रहा है. प्रति वर्ष तरबूज की खेती कर हजारों किसान न सिर्फ आनी बेरोजगारी दूर करते हैं, बल्कि बिटिया की शादी से लेकर कई जरूरतें पूरी करते हैं. असमय नदी में आये पानी ने किसानों को कंगाल बना दिया है. किसान शिवपूजन सहनी बताते हैं कि डेढ़ तीन लाख रुपये खर्च कर उन्होंने छह एकड़ में खेती की थी. अभी तक डेढ़ लाख रुपये निकल पाये हैं. यदि समय से नदी में पानी आता, तो पांच लाख की कमाई होती. यह दर्द अकेले शिवपूजन सहनी का ही नहीं, बल्कि लक्ष्मण सहनी, अजय तिवारी, शत्रुघ्न शर्मा, जितेंद्र शर्मा, कंचन महतो सहित सैकड़ों किसानों का है. इनकी लागत पूंजी भी गंडक की धारा में बह गयी है. किसान बताते हैं कि वे लोग चार हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से खेत बटाई लेते हैं और बोआई एवं निगरानी में काफी खर्च आता है. प्रति एकड़ एक से डेढ़ लाख की आय होती है. इस बर सब कुछ नदी के पानी की भेेंट चढ़ गया है.

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