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मिड डे मील काजल की कोठरी से कम नहीं

– पद से अधिक गुरुजी को प्रतिष्ठा से है डर – 40 फीसदी स्कूलों में वरीय शिक्षकों ने छोड़ा पद गोपालगंज : मिड डे मील योजना गुरुजी के लिए काजल की कोठरी से कम नहीं है, जहां दामन को बचा पाना चुनौती है. इस काजल के भय से जिले के 40 फीसदी स्कूलों के वरीय […]

– पद से अधिक गुरुजी को प्रतिष्ठा से है डर

40 फीसदी स्कूलों में वरीय शिक्षकों ने छोड़ा पद

गोपालगंज : मिड डे मील योजना गुरुजी के लिए काजल की कोठरी से कम नहीं है, जहां दामन को बचा पाना चुनौती है. इस काजल के भय से जिले के 40 फीसदी स्कूलों के वरीय शिक्षक या प्रधानाध्यापक पद छोड़ चुके हैं. उनको पद से अधिक प्रतिष्ठा का भय है. कई स्कूलों में आये दिन मिड डे मील को लेकर गुरुजी लोगों पर लांछन लगता रहा है.

ऊपर से मिड डे मील की जांच करने वाले अधिकारियों की प्रताड़ना का भय सताता है. गुरुजी लोग अपने कार्यकाल को प्रतिष्ठा के साथ बिताना चाहते हैं. वे जानते हैं कि मिड डे मील के कारण भी उन्हें कभी भी फजीहत का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में इस योजना से जुड़े लोग विद्यालयों में सिर्फ उन पर अपना हुकूम चलाते हैं, बल्कि एमडीएम में भी गड़बड़ी करते हैं.

इस कारण एमडीएम से वरीय शिक्षक खुद को किनारा करने में ही भलाई समझ रहे हैं. सारण के गंडामन में हुई एमडीएम कांड के बाद शिक्षकों में खासा दहशत व्याप्त है.एमडीएम को लेकर शिक्षक अब कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते.

नियोजित शिक्षकों के लिए कामधेनु बना एमडीएम : नियोजित शिक्षकों के लिए एमडीएम पूरी तरह से कामधेनु गाय बन गयी है. अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का काम नियोजित शिक्षक कर रहे हैं. शिक्षकों का नियोजन मुखिया जी अपने अनुसार किया है. इससे उनकी पकड़ मुखिया और वार्ड सदस्य तक है.

ये लोग अपनी सेटिंग के तहत विद्यालयों में एमडीएम का खेल करते हैं, जहां 30 बच्चों की संख्या है, वहां तीन सौ बच्चों की संख्या भर कर मिड डे मील को कामधेनु बनाया जाता है. ऐसी स्थिति में नियोजित शिक्षक तदर्थ शिक्षा समिति और मुखिया वार्ड सदस्य सबकी मिलीभगत से एमडीएम का संचालन होता है.

इसमें किसी भी स्तर पर कोई शिकवा शिकायत भी नहीं रह जाती. ऐसे में विद्यालय के वरीय शिक्षक अपने सेवा के अंतिम पड़ाव में एमडीएम में टांग अड़ाना उचित नहीं मानते हैं. इन्हें तो बस एक एक दिन अपनी प्रतिष्ठा बचाना ही वाजिब लगता है.

व्यवस्था में सुधार की मांग (कुचायकोट) मध्याह्न् भोजन योजना में की जा रही लूटखसोट पर रोक लगाने और मध्याह्न् भोजन की गुणवत्ता को कायम रखने के लिए किसान नेता सह प्रवक्ता रामेश्वर राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर एमडीएम में गड़बड़ी पर रोक लगाने की मांग की, ताकि भविष्य में गंडामन की तरह घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो.

एमडीएम मामले में दोषी हो बरखास्त (गोपालगंज) सारण के मशरक प्रखंड के गंडामन नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में एमडीएम खाने से बच्चों की हुई मौत के मामले में राज्य पर्षद सदस्य सह पूर्व जिला पार्षद प्रमोद कुमार पटेल ने राष्ट्रपति को पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की है.

उन्होंने कहा कि एमडीएम खाने से हुई बच्चों की मौत के मामले में उनके परिजनों को सांत्वना के लिए पांचपांच लाख रुपये मुआवजा देने, दोषी शिक्षिका समेत सभी प्रखंड और जिला स्तरीय दोषी कर्मियों को बरखास्त करते हुए मुकदमा दर्ज करने और सजा दिलाने की मांग की है.

उन्होंने कहा है कि मिड डे मील योजना केंद्र सरकार की है, जिसमें गांव से लेकर जिला तक भ्रष्टाचार और लूटखसोट मचा हुआ है. इससे शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए.

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