भिखारी ठाकुर की जयंती पर हुआ कवि सम्मेलनसर्द भरी रात में ठहाका लगाते रहे दर्शकभिखारी ठाकुर को दी गयी श्रद्धांजलिफोटो-11,12संवाददाता. गोपालगंजयह शहर है जहां न पीने को आंसू है और न खाने को जहर है… भोजपुरी के अनपढ़ हीरा भिखारी ठाकुर की जयंती के मौके पर आयोजित कवि सम्मेलन में देर रात तक भोजपुरी साहित्य में गोता लगाते रहे. सर्द भरी रात ज्यों-ज्यों बढ़ती गयी, वैसे ही लोग आनंदित होते गये. कवि सम्मेलन का शुभारंभ पुलिस कप्तान सह कवि हृदय अनिल कुमार सिंह एवं अनुमंडल पदाधिकारी रेयाज अहमद खां ने किया. सरस्वती वंदना से दारोगा राय महाविद्यालय के प्राचार्य सुभाष यादव ने किया. कार्यक्रम का संचालन सुनील कुमार व तंग इनायत पूरी ने किया. गोरखनाथ यादव गुंजन डायट के व्याख्याता ने हम साच कहिले उनका झूठ लागेला. हम निरइठे दी, त उनका झूठ लागेला, दोष उन कर ना उनका नजरिया के बा, हम त आंकड़ दी ले, त केहु के बूंट लागेला. सुनाया तो महफिल में ठहाका लगने लगा. देवरिया से आये बादशाह तिवारी प्रेमी की प्रस्तुति खूब तालियां बजीं. मौके पर साहित्य नुरागी मंच में सत्यदेव प्रसाद, चंद्रकेत चकोर, रामा शंकर कुंवर, धर्मनाथ तिवारी, फुलेना ठाकुर, मुन्ना ठाकुर, संजीव सिंह, सुदामा यादव समेत सैकड़ों साहित्य नुरागी मौजूद थे.
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यह शहर है जहां न पीने को आंसू और न … .
भिखारी ठाकुर की जयंती पर हुआ कवि सम्मेलनसर्द भरी रात में ठहाका लगाते रहे दर्शकभिखारी ठाकुर को दी गयी श्रद्धांजलिफोटो-11,12संवाददाता. गोपालगंजयह शहर है जहां न पीने को आंसू है और न खाने को जहर है… भोजपुरी के अनपढ़ हीरा भिखारी ठाकुर की जयंती के मौके पर आयोजित कवि सम्मेलन में देर रात तक भोजपुरी साहित्य […]
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