गोपालगंज : दो दिनों तक लगातार हुई बारिश के बाद जगह-जगह हुए जलजमाव व गंदगी के चलते संक्रामक रोगों की आशंका बढ़ गयी है. इसके बावजूद न तो जल निकासी की व्यवस्था है, न साफ-सफाई की, फॉगिंग की भी व्यवस्था नहीं है, जहां पानी निकलने की व्यवस्था थी वहां बारिश का पानी तो धीरे-धीरे निकल गया.
असली मुश्किल उन इलाकों में हैं, जहां पानी निकलने के इंतजाम नहीं हैं. कई क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां हैंडपंप पानी में डूबे हैं. यहां के लोग पीने के पानी के लिए इन्हीं हैंडपंप के भरोसे हैं, लिहाजा उनको दूषित जल से होनेवाली बीमारियों का खतरा है.
इसके बावजूद नगर पर्षद व स्वास्थ्य विभाग बचाव के उपाय करने के बजाय मूकदर्शक बना हुआ है. न तो फॉगिंग की व्यवस्था है न ही सफाई की. न तो कहीं ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है न ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के तहत क्लोरीन की गोलियां ही बांटी जा रही है. चिकित्सकों का कहना है कि बचाव के उपाय जल्द नहीं होने से संक्रामक रोगों का खतरा है.
डॉ आरपी सिंह बताते हैं कि ,जहां जलजमाव है वहां का पानी रिसकर जमीन के अंदर जाकर भूजल को दूषित करता है. यही पानी कम गहराई तक लगे हैंडपंपों व बोरिंग के रास्ते बाहर आकर लोगों में गंभीर जलजनित बीमारियों की वजह बनता है. खासतौर पर हैंडपंप का पानी इस्तेमाल करनेवाले घरों के लोगों, छोटे होटलों या ढाबों में ऐसे जल का इस्तेमाल अधिक होता है. इससे डायरिया, टॉयफायड, पीलिया आदि का खतरा हो सकता है.
होमियोपैथ चिकित्सक डॉ योगेंद्र राम कहते हैं कि जहां जलजमाव रहेगा, वहां मच्छर पनपेंगे. इससे संबंधित क्षेत्र के लोगों को मलेरिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं. यही नहीं गंदे पानी व कीचड़ से होकर आने-जानेवालों को चर्म रोग का भी खतरा रहता है. ऐसे में शुद्ध पेयजल मिले यह सुनिश्चित होना चाहिए.