हथुआ : हथुआ के एसडीपीओ आनंद कुमार पांडेय के तबादला पर नये एसडीपीओ कमला कांत प्रसाद के हथुआ पदस्थापन की खबर जैसे ही अखबारों में आयी कि हथुआ में जनाक्रोश फूट पड़ा. ग्रामीण और व्यवसायी सड़क पर उतर आये, जम कर हंगामा किया गया, बाजार बंद करा दिया गया और पुतला जलाया गया.
दिन भर हंगामे का दौर चलता रहा. लोग सरकार के इस फैसले को वापस कराने की मांग पर अड़े हुए हैं. व्यवसायियों का कहना था कि पिछले दो दशक से चल रहे यहां अपराध, खौफ, दहशत और अपराधियों के मनोबल पर आनंद पांडेय ने शिकंजा कसा था. व्यवसायी से लेकर आम आदमी में पुलिस के प्रति भरोसा और विश्वास बढ़ा था, जिसे एक झटके में सरकार ने ध्वस्त कर दिया है.
आक्रोश का कारण यह भी था कि हर आदमी-अपनी बातों को लेकर एसडीपीओ तक पहुंच जाते थे. इस पर त्वरित कार्रवाई भी होती थी. लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर भी थाने को सूचित नहीं कर सीधे एसडीपीओ को सूचना देते थे. लोगों को भरोसा था कि उनकी सूचना पर त्वरित कार्रवाई होगी. आनंद पांडेय का अपराधियों में खौफ था. उनके स्थानांतरण के लिए माफिया और अपराधी लगे थे. इस तबादले से हथुआ और आसपास के इलाकों में न सिर्फ आक्रोश है, बल्कि मायूसी देखी जा रही है. आम लोग इस तबादला को देख कर आश्चर्यचकित हैं.
* तबादले के विरोध में प्रदर्शन
एसडीपीओ आनंद कुमार पांडेय के तबादले को लेकर स्थानीय व्यवसायियों ने रविवार को अपनी दुकान बंद कर विरोध किया. व्यवसायियों ने बाजार में नारेबाजी की. व्यवसायी ध्रुव प्रसाद, वीरेंद्र प्रसाद, संजय कुमार, अभिषेक, सुभाष प्रसाद, विजय सिंह, एजाज ,रामाजी प्रसाद , सुरेश बैठा, प्रदुमन बारी , अनिल कुमार , अवधेश कुमार आदि ने सरकार का पुतला बना कर जलाया और हथुआ आइटीआइ मोड़ जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. व्यवसायियों ने कहा की एसडीपीओ के कार्यकाल में हम व्यवसायी काफी सुरक्षित महसूस करते थे. लेकिन उनके तबादले के बाद अपराधियों का मनोबल बढ़ जायेगा. सरकार उनके तबदले को वापस ले, नहीं तो और बड़ा प्रदर्शन होगा.
* आत्मबल जगाएं व्यवसायी
प्रदर्शन कर रहे व्यवसायियों से एसडीपीओ आनंद कुमार पांडेय ने कहा कि अपनी सुरक्षा के लिए आत्मबल जगानी होगी. क्योंकि अपराधी किसी जाति-धर्म का नहीं होता है. उसे सजा दिलाने के लिए कानून की मदद करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि हथुआ में एक वर्ष एक महीना के कार्यकाल मुङो यहां के लोगों से काफी प्रेमभाव मिलता रहा. मेरे कार्य से यहां की जनता काफी संतुष्ट थी. लेकिन एक न एक दिन मेरा तबादला तो होना ही था. इसलिए उन्होंने स्थानीय व्यवसायियों को प्रदर्शन न करने की अपील की.