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250 करोड़ का कारोबार बाधित

कैश के लिए चक्कर लगाते रहे ग्राहक बारिश के बीच कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर की नारेबाजी व्यापारियों और ग्राहकों को परेशानियों का करना पड़ा सामना गोपालगंज : यूनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल के तहत गोपालगंज में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक के अधिकारी और कर्मचारी गुरुवार को भी […]

कैश के लिए चक्कर लगाते रहे ग्राहक

बारिश के बीच कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर की नारेबाजी
व्यापारियों और ग्राहकों को परेशानियों का करना पड़ा सामना
गोपालगंज : यूनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल के तहत गोपालगंज में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक के अधिकारी और कर्मचारी गुरुवार को भी हड़ताल पर रहे. बैंकों के ताले नहीं खुले जिससे करीब दो दिनों में करीब 250 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ. व्यापारियों और ग्राहकों को परेशानी उठानी पड़ी. बैंककर्मियों ने गुरुवार को पहले अपने-अपने बैंक कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और फिर जादोपुर रोड में केनरा बैंक के मुख्य शाखा के प्रांगण में धरना-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन काफी रोषपूर्ण रहा. बैंककर्मी इंडियन बैंक एसोसिएशन की ओर से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किया.
यहां सभा को संबोधित करते हुए जिला यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंंस के संयोजक सह ऑल इंडिया रिजनल रूलर बैंक इंप्लाइज बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुशील कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बैंककर्मियों का वेतन समझौता बीते एक नवंबर, 2017 से लंबित है. इस संबंध में इंडियन बैंक एसोसिएशन ने गत पांच मई को वार्ता भी की गयी. इसमें दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के समझौते का प्रस्ताव दिया गया लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना. उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं को लागू करने के क्रम में बैंक कर्मियों के कार्य में तो काफी बढ़ोतरी की गयी लेकिन वेतन में यह बढ़ोतरी नाममात्र की रही.
ऐसे में मजबूर होकर बैंककर्मियों को हड़ताल पर जाना पड़ा है. प्रमेंद्र कुमार, अनीष कुमार, संजीव कुमार, संजीव गुप्ता, रोहित कुमार, नवीन कुमार, किशोर कुमार, विनोद कुमार, रंजीत कुमार, अवधेश कुमार, राहुल सिंह, डीएन पांडेय, अरुणेश कुमार, अजय सिंह, बीएन तिवारी, एसके श्रीवास्तव, पवेंद्र कुमार, शशि कुमार, विनोद कुमार, अरुण मंडल आदि शामिल रहे.
निजी क्षेत्र के बैंकों को कराया गया बंद
हड़ताल में निजी क्षेत्र के बैंक शामिल नहीं हुए. ऐसे में उन बैंकों का कामकाज गुरुवार को शुरू हुआ. निजी क्षेत्र के बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने की इच्छा जतायी थी. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंककर्मियों ने प्रदर्शन के दौरान इन बैंकों में पहुंच कर बंद करा दिया. इससे उनका भी कामकाज प्रभावित हुआ. हड़ताली बैंक कर्मियों ने बंद करा दिया और वहां पूरे दिन कामकाज नहीं हुआ.
बारिश भी नहीं रोक पायी आंदोलनकारियों के कदम
बैंक कर्मियों के आंदोलनकारियों के कदमों को बारिश भी रोक नहीं पायी. बारिश में कर्मियों ने अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर नारेबाजी की. भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय सचिव सुशील कुमार श्रीवास्तव, केनरा बैंक के शाखा सचिव प्रमेंद्र कुमार, सेंट्रल बैंक के बीएन तिवारी आदि ने हड़ताल के दो दिनों के शत- प्रतिशत हड़ताल को सफलता पर सभी बैंकों के कर्मियों के एकजुटता पर धन्यवाद दिया है.
दूसरे दिन भी लटके रहे एटीएम में ताले
मंगलवार को सभी बैंकों की एटीएम में बैंक प्रबंधन ने करेंसी डाल दी थी लेकिन बुधवार की दोपहर तक पूरे दिन बैंक बंद रहने की वजह से इन एटीएम पर कैश खत्म हो गया. नतीजतन, गुरुवार को शहर के सभी बैंकों की एटीएम बंद रही. रमजान के महीने में एटीएम बंद रहने के कारण ग्राहकों को परेशानियों का सामना कराना पड़ा. हड़ताल की वजह से गुरुवार को करेंसी नहीं डाली गयी. ऐसे में शुक्रवार को भी लोगों को एटीएम से 10.30 बजे तक पैसा नहीं मिल सकेगा और नकद का संकट झेलना होगा.

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