गोपालगंज : हमरा गांव के माटी के महक आजो हामरा तन में बा. उंचाई त कहीं मिल जाई बाकि इ माटी के महक कहां से आयी. शुक्रवार की शाम को मिंज स्टेडियम खेल मैदान में भोजपुरी संस्कृति की छटा बिखर रही थी. बात हो रही थी भोजपुरिया समाज की. गीत-संगीत की सुर लहरियां भी विशुद्ध भोजपुरी आभा को टपका रही थीं.
मानों विश्व की सबसे रसीली और सरल भाषा भोजपुरी है. मौका था माटी महोत्सव का. गोपालगंज की धरती पर पहली बार भोजपुरी प्रेमियों द्वारा आपन संस्कृति आ आपन पहचान को जागृत करने के लिए माटी महोत्सव का रंगारंग आगाज किया गया. मिंज स्टेडियम में आयोजित इस महोत्सव में भोजपुरी प्रेमियों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी. वहीं दूर-दूर से आये भोजपुरी के कई नामचीन कलाकारों ने अपनी सुर लहरियों से न सिर्फ महोत्सव में समां बांधा बल्कि दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया.
महोत्सव कार्यक्रम का आगाज शाम 5:30 हुआ. वैसे तो कार्यक्रम पूरी रात चलना था लेकिन शुरुआती दौर में ही दर्शक भोजपूरी मिट्टी की महक से पूरी तरह मदमस्त हो गये. दूर-दूर से आये कलाकारों ने कभी संगीत की सुर लहरियों पर अपनी तान छेड़ी तो कभी हास्य कलाकारों की व्यंग्यात्मक प्रस्तुति से महफिल में ठहाके गूंजते रहे. जैसे-जैसे शाम ढलती गयी और रात चढ़ती गयी, महफिल भी जवां होती गयी. संवाद प्रेषण तक महफिल उमंगों की पूरी परवान पर रही. कार्यक्रम को सफल बनाने में सुधाकर सिंह, अंजनी सिंह, रंजन शर्मा, डा. दुर्गाशरण पांडेय, वेदांत मिश्रा, अभिनव मिश्रा, पारस बिहारी, मनन मिश्र सहित कई युवा लगे रहे.