गोपालगंज : देश की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए बैकुंठपुर के दो भाइयों ने पटना में बैठ कर अपना साम्राज्य चला रहे थे. विदेश से आने वाले हर कॉल को लोकल कॉल बनाकर लोगों से बात कराने का काला कारोबार चलाया जा रहा था. पटना पुलिस ने इसका खुलासा जब किया, तो बैकुंठपुर के लोग सकते में आ गये. दोनों भाइयों के काले कारनामों से लोग अनजान थे.
उधर सुरक्षा एजेंसियों ने भी दोनो भाइयों की कुंडली बनाने के लिए बैकुंठपुर पहुंच कर उनके नेटवर्क को खंगालने में जुटी है. खुफिया एजेसियां सीवन और गोपालगंज के उन लोगों की तलाश में जुटी है जो इनके संपर्क में है. विदेशों से आने वाली कॉल क्यों और किसके लिए डॉयवर्ट किया जा रहा था. सुरक्षा एजेसियों की माने तो इनका संबंध देशद्रोही ताकतों से है कि नही अभी इसकी जांच चल रही है. जांच के बाद कुछ और स्पष्ट बातें सामने आने की बात कही जा रही हैं.
बैकुंठपुर पुलिस फिलहाल कुछ भी बताने से परहेज कर रही है.
जर्मनी निर्मित सर्वर से चला रहे थे नेटवर्क
जर्मनी निर्मित सर्वर के सहारे पटना में नकली टेलीफोन एक्सचेंज चलाने का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने रविवार को लालजी टोला, न्यू डाकबंगला रोड व लोहानीपुर स्थित रेलवे हंडररोड बैकुंठपुर के रहने वाले अनिल कुमार चौरसिया उसका भाई सुशील कुमार चौरसिया तथा हाजीपुर के आरएन चौराहा साहू कॉलोनी के रहने वाले नलिन सिन्हा को गिरफ्तार किया. जोनल आईजी नैरूयर हसनैन खान को सूचना मिली थी कि लालजी टोला में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाया जा रहा है. इसके लिए एएसपी (ऑपरेशन) राकेश कुमार दूबे के नेतृत्व में टीम बनाकर कार्रवाई की गयी.
कॉल डायवर्ट कर कराते थे बात
अनिल और सुशील दोनो भाई विदेशों से आने वाले कॉल को डायवर्ट कर वैसे लोगों से लोकल कॉल बनाकर बात कराया जाता था. वहां से कॉल आने पर फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के माध्यम से सीवान व गोपालगंज में डायवर्ट किये गये थे. अब तक कितने कॉल डायवर्ट किये गये, कितने कॉल आए, कितने का लेन देन हुआ, इन सबकी जांच अभी पुलिस कर रही है. जिन लोगों से बात करायी गयी उनकी काला चिठ्ठा निकालने की कार्रवाई में शुरू हो गई है. सभी सिम कार्ड की सीडीआर निकाल कर पुलिस जांच करेगी.