बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए क्यों नहीं मिला पैकेज
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बिहार को तीन वर्षों में मिला सिर्फ धोखा : जदयू
बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए क्यों नहीं मिला पैकेज गोपालगंज : केंद्र में मोदी सरकार ने तीन वर्षों में बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया है. जिसके कारण केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के में कमी एवं राज्य अंश में बढ़ोत्री किये जाने के कारण बिहार जैसे गरीब राज्य पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ […]
गोपालगंज : केंद्र में मोदी सरकार ने तीन वर्षों में बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया है. जिसके कारण केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के में कमी एवं राज्य अंश में बढ़ोत्री किये जाने के कारण बिहार जैसे गरीब राज्य पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ा है. देश के किसान आत्म हत्या करने के लिए मजबूर हो गये है. केंद्र की सरकार ने प्रतिवर्ष 2 करोड़ बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की वादा से अब मुकर गयी हैं. उक्त बातें जदयू के प्रदेश महासचिव पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है.
उन्होंने कहा है कि केंद्रीय कानून मंत्री को यह बताना चाहिए कि बिहार के पिछड़ापन को दूर करने के लिए अबतक केंद्र की सरकार ने बिहार को विशेष राज्य की दर्जा क्यों नहीं दी, प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित सवा लाख करोड़ का विशेष पैकेज का उल्लेख बजट में क्यों नहीं हुई. हर साल करीब 50 हजार करोड़ से वंचित बिहार को तथा पिछड़ा क्षेत्र अनुदान नीधी की बकाये राशि क्यों नहीं बिहार को अबतक दी गयी. 8282 करोड़ में 6953 करोड़ अब तक केंद्र के पास लंबित है.
82 सौ करोड़ में मात्र 32 सौ करोड़ ही केंद्र सरकार ने बिहार जैसे पिछड़े राज्य को दिया. विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक था जो नहीं मिला. पिछले वित्तीय वर्ष में जहां करीब 66 केंद्र प्रायेजीत योजनाओं की राशि के कटौती हुई वहीं इनमें से कई में आवंटन में भी कम राशि मिली. भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए. बिहार को तीन वर्षों में भाजपा ने सिर्फ धोखा देने का काम किया है.
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