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ANMMCH : न्यूरो विभाग के ओपीडी में पहुंच रहे मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, बाहर सीटी स्कैन कराने का दबाव

गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के आने पर रोक है. इसके बावजूद अस्पताल में इनके पहुंचने का सिलसिला जारी रहता है.

विवादों से गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (ANMMCH) का पुराना नाता है. यहां मंगलवार को एक अन्य तरह की घटना सामने आयी. अस्पताल परिसर स्थिति न्यूरो विभाग के ओपीडी में लोगों ने आरोप लगाया कि यहां पर महंगी दवा लिखी जा रही है. इसके साथ ही अस्पताल परिसर स्थिति सीटी स्कैन यूनिट में जांच नहीं करा कर सिकरिया मोड़ पर प्राइवेट जांच केंद्र में सीटी स्कैन कराने का दबाव मरीजों पर बनाया जा रहा है.

ओपीडी में जानकारी मिली कि यहां पर अस्पताल के कर्मचारी को मंगलवार को हटा दिया जाता है. यहां पर तीन दवा कंपनी के मेडिकल रिप्रजेंटेटिव को अंदर में रखा जाता है. दवा उन्हीं तीन कंपनियों की लिखी जाती है. सीटी स्कैन कराने जाते वक्त वहां से नंबर भी दे दिया जाता है. वहां पर मनमाना रेट पर सीटी स्कैन किया जाता है. वहां मौजूद कई कर्मचारियों ने बताया कि मंगलवार को गार्ड व अस्पताल के कर्मचारी को अंदर ओपीडी में आने से मना कर दिया जाता है.

प्रभात खबर की पड़ताल के दौरान ओपीडी में मौजूद तीन मेडिकल रिप्रजेंटेटिव भागने लगे. वहां मौजूद मरीज के परिजन ने तीनों पर दवा लिखने व सीटी स्कैन के लिए बाहर जाने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया. इसकी सूचना मिलने पर अस्पताल अधीक्षक व उपाधीक्षक ने तुरंत एक्शन में आते हुए जांच के लिए कई कर्मचारियों को भेजा. अस्पताल के एक सहायक ने वहां का वीडियो बनाकर भी उपाधीक्षक को दिखाया. इसके बाद अस्पताल प्रशासन आगे की कार्रवाई में जुट गया.

अस्पताल परिसर में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के आने पर है रोक

जगह-जगह अस्पताल परिसर में पोस्टर चिपका कर लिखा गया है कि किसी भी मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव को यहां डॉक्टर से मिलने आने पर पूरी तौर से प्रतिबंध है. ऐसा पाये जाने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. हर वक्त यहां आरोप लगता रहा है कि कुछ विभाग में दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की पकड़ रहती है. इस कारण बाहर की महंगी दवाएं लिखी जाती हैं. इसके चलते ही यहां पर दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों के आने पर रोक लगा दी गयी है.

अस्पताल में नहीं रुक रहा दवा का ब्रांड नेम लिखने का चलन

अस्पताल के विभिन्न विभागों में दवा का ब्रांड नेम लिखने का चलन नहीं रुक रहा है. कई बार इस विषय पर अस्पताल प्रशासन की ओर से कार्रवाई का चेतावनी दी जा चुकी है. इसके बाद भी किसी के आदत में सुधार नहीं आया है. अस्पताल में दवा की कोई कमी भी नहीं है. इतना ही नहीं अस्पताल परिसर में ही लोगों को सस्ते दामों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र की ब्रांच भी चलायी जा रही है.

मांगा गया है स्पष्टीकरण

संबंधित विभाग के ड्यूटी वाले डॉक्टर से 24 घंटे में स्पष्टीकरण देकर स्थिति को स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है. मेडिकल रिप्रजेंटेटिव के न्यूरो ओपीडी में मंगलवार को मौजूद रहने व बाहर से सीटी स्कैन कराने का दबाव बनाने की शिकायत कई माध्यमों से मिली है. गार्ड को तुरंत ही मेडिकल रिप्रजेंटेटिव को अस्पताल परिसर से बाहर करने का निर्देश दिया गया है. इस तरह के कृत्य को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को भी दे दी गयी है.

डॉ विनोद शंकर सिंह, अधीक्षक, एएनएमएमसीएच

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