गया: गया संसदीय क्षेत्र से नामांकन किये उम्मीदवारों की सूची व सही जानकारी को लेकर मीडियाकर्मी लगातार परेशान हैं. एक तरफ प्रशासन पारदर्शिता बरतने की बात कह रहा है, तो दूसरी तरफ बुधवार व गुरुवार की देर शाम तक नामांकन को लेकर समाहरणालय में अफरा-तफरी का माहौल बनाये रखने की कोशिश की गयी, जबकि नामांकन का समय अपराह्न् तीन बजे तक था.
पहले तो चुनाव आयोग के मौखिक आदेश का हवाला देकर नामांकन के फोटो कवरेज से मीडियाकर्मियों को दूर रखा गया. प्रेस वार्ता में जिला निर्वाचन पदाधिकारी बाला मुरूगन डी ने कहा था कि प्राइवेट स्तर पर फोटोग्राफर रखे गये हैं, जो रोज के नामांकन की तसवीरें मीडिया को मेल पर भेज दिया करेंगे. पर, यह गलत आश्वासन था. एक दिन भी ऐसा नहीं हुआ.
बुधवार को नामांकन करने गये पांच उम्मीदवारों में तीन ही नामांकन कर सके. दो लोग किसी वजह से परचे नहीं भर सके. देर रात तक जिला निर्वाचन पदाधिकारी या मीडिया कोषांग के जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकारी द्वारा मेल पर या मौखिक रूप से इसकी सूचना नहीं दी गयी. यही हाल गुरुवार को नामांकन के अंतिम दिन भी रहा.
सूचना जन संपर्क पदाधिकारी पटना में कथित तौर पर मीटिंग करते रहे. एआरओ शशिशेखर चौधरी से शाम पौने पांच बजे से ही तीन बार नामांकन की सूची मांगी गयी. वह हमेशा आधे घंटे बाद बताने को कह शाम साढ़े छह बजे तक टालते रहे. मीडिया कोषांग के कर्मचारी भी लाचारी जताते रहे. उप निर्वाचन पदाधिकारी नौशाद आलम को भी शाम सवा सात बजे तक नामांकन करनेवालों की संख्या तो मिली, पर सूची नहीं. रात 8.24 बजे डीपीआरओ महोदय के कार्यालय से मेल पर गुरुवार को नामांकन किये उम्मीदवारों की सूची भेजी गयी. अब, जब उम्मीदवारों के नाम जानने के लिए मीडिया को भी इतनी मशक्कत करनी पड़ रही हो, तो आमलोगों के लिए गया में प्रशासनिक इंतजाम कितने पारदर्शी होंगे, यह बात आसानी से लोग समझ सकते हैं.