डोभी: बेटियों को उच्च शिक्षा और बेहतर गाइडलाइन दी जाये, तो वे हर क्षेत्र में लोहा मनवा सकती हैं. कल तक चहारदीवारी तक सीमित रहनेवाली बेटियां आज खुद अपनी पहचान बना कर ऊंचा मुकाम हासिल कर रही हैं व दुनिया में नाम रोशन कर रही हैं. डोभी की 22 वर्षीय कुमारी कृति गुप्ता ने जो जेवियर इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल सर्विस से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ह्यूमन रिर्सोस मैनेजमेंट में 76.71 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त कर इसे साबित कर दिखाया है.
कृति ने कांस्य पदक जीत कर अपनी प्रतिभा का डंका बजाया है और ये साबित किया की आज की नारी किसी से कम नहीं है. अपनी लाडली की इस कामयाबी से प्रखंड व गांव के लोग अविभूत हैं.
कौन है कृति गुप्ता गया जिले के प्रखंड के डोभी पंचायत अंतर्गत डोभी गांव निवासी संजय कुमार गुप्ता व बबिता गुप्ता की पुत्री कुमारी कृति गुप्ता हैं. मध्यम व छोटे परिवार में पली–बढ़ी प्रतिभा की धनी कुमारी कृति गुप्ता बचपन से ही तेज और विलक्षण बुद्धि की थी. जिसने 10वीं, 12वीं की परीक्षा में 89% तथा 82% अंकों के साथ केंद्रीय विद्यालय (गया) से उत्तीर्ण किया. वहीं बीबीएम में 78% तथा कैट की परीक्षा में भी 78% अंकों से उत्तीर्ण हुई. कृति की लगन और प्रतिभा देख कर इसके घरवालों ने आगे की पढ़ाई के लिए रांची जेवियर इंस्टीच्यूट में दाखिला कराया. जहां उसने ह्यूमन रिर्सोस मैनेजमेंट (2015–17) में पोस्ट–ग्रेजुएट डिप्लोमा में 76.71% अंक लाकर कांस्य पदक जीत कर अपने सूबे बिहार व जिले का नाम रोशन किया.
कहती हैं कृति गुप्ता
पढ़ाई केे साथ बैडमिंटन की शौकीन कुमारी कृति गुप्ता ने बताया कि माता–पिता ही उसके लिए प्रेरणास्रोत हैं. गरीबी से न घबरा कर कड़ी मेहनत से आज की बेटियां भी सफलता प्राप्त कर सकती हैं. कृति गुप्ता की चाहत हैं आगे की पढ़ाई कर आइएएस बन समाजसेवा कर बेटियों को आगे बढ़ाने की. फिलहाल कृति 50 हजार रुपये मासिक पर टेगालैड़ लिमिटेड कंपनी (कोलकाता) में एचआर मैनेजर के पद पर 20 अप्रैल को ज्वाइन करेंगी.