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मजदूरों की जान पर भारी रेलवे की अनदेखी
गया: गया जंकशन स्थित पार्सल ऑफिस के मजदूर ट्रेनों से उतरनेवाले सामान को जान जोखिम में डाल कर पटरी पार करा रहे हैं. पार्सल ऑफिस में मात्र दो ही ट्रॉलियां हैं. इसके कारण मजदूर अपने समान को कंधे पर लाद कर पटरी पार कराते हैं. मजदूरों का कहना है कि अगर ट्रॉलियां ज्यादा होतीं, तो […]
गया: गया जंकशन स्थित पार्सल ऑफिस के मजदूर ट्रेनों से उतरनेवाले सामान को जान जोखिम में डाल कर पटरी पार करा रहे हैं. पार्सल ऑफिस में मात्र दो ही ट्रॉलियां हैं. इसके कारण मजदूर अपने समान को कंधे पर लाद कर पटरी पार कराते हैं. मजदूरों का कहना है कि अगर ट्रॉलियां ज्यादा होतीं, तो ओवरब्रिज के सहारे सामन को पार्सल ऑफिस तक पहुंचा सकता था. लेकिन, ट्रॉलियों की कमी के कारण कंधों पर सामान लाद कर पटरी पार करके पार्सल ऑफिस पहुंचते हैं.
नहीं होती कार्रवाई : यात्रियों व मजदूरों को प्रतिदिन पटरी पार करते आरपीएफ व जीआरपी के जवान देखते है. लेकिन, कार्रवाई नहीं होती. यही कारण है कि हाल के दिनों में ट्रेन से कट कर कई लोगों की मौतें व कई घायल हो गये. यही नहीं, रेलवे के अधिकारी भी ध्यान नहीं देते. गौरतलब है कि गया जंकशन पर प्लेटफॉर्मों पर आने-जाने के लिए चार ओवरब्रिज बनाये गये हैं. साथ ही आठ व नौ नंबर प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए एक नये ओवरब्रिज का निर्माण कर दिया गया है.
मौत व घायलों की संख्या : गया जंकशन स्थित बागेश्वरी गुमटी पर नौ नवंबर को एक पुरुष की मौत ट्रेन से कट कर हो गयी थी.
सात दिसंबर को करीमगंज के पास एक गया-पटना पैसेंजर से एक युवक का पटरी पार करने के दौरान एक पैर कट गया था. वहीं गुरारू रेलवे स्टेशन पर पटरी पार करने के दौरान एक छात्रा की मौत हो गयी थी.
दो महीनों में ट्रेन से कट कर मौतों की संख्या नौ है और घायलों की 20. रेल पटरी पार करने पर रेलवे एक्ट की धारा 147 के तहत 1000 रुपये के जुर्माने की सजा है.
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