बोधगया: बोधगया प्रखंड क्षेत्र की 17 पंचायतों में मात्र चार राजस्व कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें से एक कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अनुबंध पर काम कर रहे हैं. अंचल अधिकारी कार्यालय के अनुसार, क्षेत्र में कुल 146 राजस्व गांव हैं, जिन्हें पंचायत के हिसाब से 10 हलकों में बांटा गया है. लेकिन, 146 गांवों के लिए मात्र चार कर्मचारी प्रतिनियुक्त हैं. किसी कर्मचारी को दो हलका, तो किसी को तीन हलका क्षेत्र आवंटित किया गया है. ऐसे में प्रखंड के लोगों को राजस्व कर्मचारियों से काम कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
अंचल में प्रतिनियुक्त राजस्व कर्मचारियों के जिम्मे कई काम होते हैं. आय प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, वंशावली प्रमाणपत्र, नियोजन, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी), जमीन की लगान रसीद, बंदोबस्ती, दाखिल खारिज, महादलितों को आवंटित जमीन उपलब्ध कराने, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की निगरानी रखने, जमीन की मापी कराने, जमीन विवाद की जांच कर रिपोर्ट देने, आग लगने कि स्थिति में पीड़ित की जानकारी अधिकारियों को देने समेत कई कार्यो में राजस्व कर्मचारियों की भागीदारी तय है.
कार्य हो रहा बाधित
फिलहाल, बोधगया अंचल क्षेत्र के 10 हलका क्षेत्र में चार कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है. इसमें हलका नंबर एक व दो में कर्मचारी अशरफ अली, हलका नंबर तीन व चार में ज्ञानी मांझी, हलका नंबर सात, छह व 10 में जितेंद्र कुमार चौबे (अनुबंध पर), पांच में छोटेलाल पासवान को प्रतिनियुक्त किया गया है, जबकि हलका नंबर आठ व नौ में कोई भी राजस्व कर्मचारी नहीं हैं. इतना ही नहीं, अंचल कार्यालय में कोई अमीन की भी प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है.
नहीं होती भेंट
जमीन-जायदाद सहित अन्य मामलों को लेकर जब कोई किसान या जरूरतमंद व्यक्ति राजस्व कर्मचारियों की खोज में अंचल कार्यालय पहुंचता है, तब उनकी मुलाकात कर्मचारियों से नहीं हो पाती. जानकारी हासिल करने पर उन्हें पता चलता है कि अमुख कर्मचारी का अपना कार्यालय फलां मुहल्ले में है. किसी तरह कर्मचारी साहब के कार्यालय का दर्शन होने के बाद इस बात की भी कोई गारंटी नहीं होती कि आवेदक का काम आज ही हो जाये. इसके लिए उन्हें महीनों चक्कर लगाना पड़ सकता है. काम के बोझ का हवाला देकर राजस्व कर्मचारी भी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. बेचारे ग्रामीण एक काम के लिए दर व दर भटकने को विवश हो रहे हैं. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में बोधगया में अंचल अधिकारी नहीं हैं. पूर्व अंचल अधिकारी जनार्दन प्रसाद के सेवानिवृत्त होने के बाद बीडीओ अंजू कुमारी प्रभार में थीं, लेकिन उनका भी तबादला हो चुका है. जानकारी मिली है कि नए सीओ ने शनिवार तक पदभार ग्रहण नहीं किया है.