उल्लेखनीय है कि पिछले दो दिनों से सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बीए-बीएड व बीएससी-बीएड के स्टूडेंट्स कोर्स की मान्यता की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि धरने पर बैठे छात्र 2013-17 व 2014-18 सत्र के हैं. इस सत्र के तहत पढ़नेवाले छात्रों के कोर्स की मान्यता अब तक नहीं मिली है. इससे छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
यूनिवर्सिटी प्रशासन से संबंधित मसले पर बीते एक वर्ष में कई दफा बातचीत की गयी, पर कोई संतोषजनक निष्कर्ष नहीं निकला. यहां तक कि छात्रों द्वारा स्थानीय स्तर से लेकर मंत्रालय तक पत्राचार किया गया, पर कोई फायदा नहीं हुआ. सभी जगह से यही जवाब आया कि मामला विचाराधीन है. यूनिवर्सिटी की अनदेखी की वजह से करीब 90 स्टूडेंट्स का कैरियर मंझधार में है. बावजूद इसके यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के भविष्य को लेकर संजीदा नहीं है.