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सीयूएसबी में प्रो-वीसी ने संभाला पदभार
गया : दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में करीब दाे वर्षाें के लंबे अंतराल के बाद नये प्रति कुलपति (प्राे-वाइस चांसलर) डॉ आेमप्रकाश राय ने शनिवार काे पदभार संभाल लिया. कुलपति प्राेफेसर हरीशचंद्र सिंह राठाैर ने नये प्रो-वीसी काे गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया. सीयूएसबी के पीआरआे माेहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि नये […]
गया : दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में करीब दाे वर्षाें के लंबे अंतराल के बाद नये प्रति कुलपति (प्राे-वाइस चांसलर) डॉ आेमप्रकाश राय ने शनिवार काे पदभार संभाल लिया. कुलपति प्राेफेसर हरीशचंद्र सिंह राठाैर ने नये प्रो-वीसी काे गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया.
सीयूएसबी के पीआरआे माेहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि नये प्रति कुलपति का कुलसचिव डॉ गायत्री वी पाटिल, वित्त पदाधिकारी गिरीश रंजन, परीक्षा नियत्रक प्राे रवींद्रनाथ एस राठाैर व सह-कुलसचिव रश्मि त्रिपाठी के साथ-साथ अन्य अधिकारियाें व कर्मचारियाें ने स्वागत किया है. पीआरआे ने बताया कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में वरिष्ठ प्राध्यापक के रूप में कार्यरत रहे डॉ राय काे लंबा एकेडमिक व प्रशासनिक अनुभव है.
बीएचयू में कॉमर्स के प्राध्यापक हाेने के साथ-साथ डॉ राय ने कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदाें पर भी काम किया है.इनमें प्रोक्टर, डिप्टी चीफ प्रोक्टर, एडमिनिस्ट्रेटिव वार्डेन व विभिन्न समितियाें के अध्यक्ष आदि शामिल हैं. डॉ राय ने अपने एकेडमिक सफर की शुरुआत बीएचयू में वर्ष 1977 में कॉमर्स विभाग के लेक्चरर के रूप में की थी. प्राेन्नति मिलने के बाद वर्ष 1997 में रीडर व वर्ष 2005 में प्राेफेसर बनें. अच्छे प्राध्यापक हाेने के साथ-साथ डॉ राय के करीब 36 पेपर्स प्रकाशित हाे चुके हैं.
उन्हाेंने छह किताबें भी लिखी हैं. उनके मार्गदर्शन में 16 शाेधार्थियाें ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है.
पदभार संभालने के बाद डॉ राय ने कुलपति द्वारा उन्हें प्रति कुलपति नियुक्त करने पर आभार व्यक्त करते हुए सीयूएसबी से संबंधित अपने भविष्य की याेजनाआें के बारे में बताया. उन्हाेंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अभी काफी नया है.
इसकाे कुलपति के मार्गदर्शन में देश का एक राेल मॉडल शैक्षिक संस्थान बनाने की हर काेशिश की जायेगी. डॉ राय ने कहा कि यूनिवर्सिटी में पढ़नेवाले बच्चाें काे उत्कृष्ट शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें मानवता व मानव मूल्याें के बारे में भी शिक्षा दी जायेगी, ताकि वे अच्छे व महान इनसान बन सकें. उन्हाेंने कहा कि छात्राें काे इस तरह से ट्रेनिंग दी जायेगी कि वह राेजगार के अवसर पैदा करें. सीयूएसबी के पूर्ववर्ती छात्र काफी महत्वपूर्ण हैं. उनके लिए फीडबैक मैकेनिज्म काे विकसित किया जायेगा, ताकि यूनिवर्सिटी की छाेटी-माेटी कमियाें काे दूर किया जा सकेगा. इससे जूनियर छात्राें काे भी लाभ मिलेगा.
पंचानपुर में बन रहे कैंपस में यूनिवर्सिटी के शिफ्ट हाेने के बाद इंडस्ट्री व जॉब प्लेसमेंट काे ध्यान में रख कर नये-नये काेर्स शुरू किये जायेंगे. यही नहीं इंडस्ट्री की जरूरताें के मुताबिक विशेषज्ञाें के परामर्श से काेर्स तैयार किये जायेंगे. इससे विद्यार्थियाें काे उचित राेजगार के अवसर प्राप्त हाे सकेंगे.
उन्हाेंने कहा अगर जरूरत पड़ी ताे हर वर्ष काेई संरचना का मूल्यांकन करके इंडस्ट्री की आवश्यकता के हिसाब में उसमें बदलाव भी लाया जा सकता है. गाैरतलब है कि 28 फरवरी, 2014 काे पहले प्रति कुलपति का कार्यकाल समाप्त हाेने के बाद सीयूएसबी में यह पद खाली था.
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