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जनवरी में गरमी ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा : वीसी

जनवरी में गरमी ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा : वीसीफोटो- बोधगया 01- कार्यक्रम का उद्घाटन करते कुलपति, प्रतिकुलपति , कुलसचिव व अन्य. बोधगया – 02- कार्यक्रम को संबोधित करते कुलपति. बोधगया 03- कार्यक्रम में शामिल पदाधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी व स्टूडेंट्स.बोधगया 04- कार्यक्रम में नृत्य प्रस्तुत करती छात्रा. मगध विश्वविद्यालय में एनएसएस का सात दिवसीय स्पेशल कैंप […]

जनवरी में गरमी ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा : वीसीफोटो- बोधगया 01- कार्यक्रम का उद्घाटन करते कुलपति, प्रतिकुलपति , कुलसचिव व अन्य. बोधगया – 02- कार्यक्रम को संबोधित करते कुलपति. बोधगया 03- कार्यक्रम में शामिल पदाधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी व स्टूडेंट्स.बोधगया 04- कार्यक्रम में नृत्य प्रस्तुत करती छात्रा. मगध विश्वविद्यालय में एनएसएस का सात दिवसीय स्पेशल कैंप शुरू कैंप के दौरान स्वयंसेवकों को दी जायेगी ट्रेनिंग, करेंगे सामाजिक कार्य भी संवाददाता, बोधगयाजनवरी महीने में ठंड का कम होना और गरमी का बढ़ना ग्लोबल वार्मिंग का ही नतीजा है. यह ग्रीन हाउस का ही प्रकोप है कि मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. ये बातें मगध विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) प्रो एम इश्तियाक ने गुरुवार को मगध विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के सात दिवसीय स्पेशल कैंप के दौरान कहीं. इससे पहले वीसी, प्रतिकुलपति (प्रो-वीसी), कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक व एनएसएस के समन्वयक ने मन्नूलाल केंद्रीय पुस्तकालय में आयोजित कार्यक्रम का दीप जला कर उद्घाटन किया. कार्यक्रम में वीसी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर का पिघलना व समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी आनेवाले दिनों में खतरे के संकेत हैं. संभावना जतायी जा रही है कि जलस्तर बढ़ने से समुद्र के किनारे बसे शहर पानी में डूब जायेंगे, जिससे 1.25 बिलियन आबादी प्रभावित होगी. वीसी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का असर मनुष्य के अलावा पशु-पक्षी, पेड़-पौधे व कृषि पर भी पड़ रहा है. एक दिन ऐसा भी आयेगा, जब कृषि उत्पादन कम हो जायेगा और लोग भोजन के लिए मारामारी करते नजर आयेंगे. ग्लोबल वार्मिंग के लिए कार्बन उत्सर्जन के कारकों को दोषी बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विकसित देश आगे हैं. ये विकासशील देशों को दोषी ठहराने में लगे हैं. वीसी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए ग्लोबल स्तर पर सामूहिक रूप से काम करना होगा. सिर्फ बात करने से नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को दिल से काम करना होगा. दरअसल, एनएसएस के स्पेशल कैंप में ‘मानव पर ग्लोवल वार्मिंग को प्रभाव’ को विषय बनाया गया है. इस दिशा में एनएसएस के स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग के दौरान स्वयं व अन्य लोगों को जागरूक किया जायेगा. वीसी ने एमयू के वैसे कॉलेज, जहां एनएसएस का गठन नहीं किया गया है, वहां भी एनएसएस का गठन कर स्वयंसेवकों के लिए कैंप आयोजित कराने का निर्देश दिया. एमयू प्रशासन करेगा सहयोग प्रतिकुलपति प्रो कृतेश्वर प्रसाद ने कहा कि एमयू की एनएसएस टीम सराहनीय कार्य कर रही है. इसके लिए सभी छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया जाना चाहिए. कुलसचिव डॉ सुशील कुमार सिंह ने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक तो एनएसएस की गतिविधियां देखने को भी नहीं मिलती थीं, पर अब को-ऑर्डिनेटर डॉ ब्रजेश राय के नेतृत्व में एनएसएस बेहतर कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की एनएसएस टीम को आगे बढ़ाने में एमयू प्रशासन आर्थिक रूप से भी सहयोग करेगा. परीक्षा नियंत्रक डॉ इसराइल खां ने कहा कि एनएसएस के विकास में पैसे की कमी को आड़े नहीं आने दी जायेगी. छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ाने में हरसंभव सहयोग किया जायेगा. उन्होंने एमयू के वीसी व कुलसचिव से मांग की कि जिस तरह बेहतर कार्य के लिए राष्ट्रपति से पुरस्कृत एनएसएस के स्वयंसेवक धर्मेंद्र कुमार का एमसीए का शुल्क एमयू प्रशासन ने माफ कर दिया, उसी तरह अन्य पुरस्कृत छात्र-छात्राओं के भी कोर्स शुल्क माफ करने की पहल की जाये. एनएसएस से जुड़े हैं 20 लाख युवाएनएसएस के एमयू को-ऑर्डिनेटर डॉ ब्रजेश राय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि 1950 में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एनएसएस का गठन किया था. आज देश के 20 लाख युवा एनएसएस से जुड़ हुए हैं. एनएसएस के स्वयंसेवक आपदा प्रबंधन, बाढ़ राहत, भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत का काम करने के अलावा गांवों में, मुख्य रूप से स्लम क्षेत्रों में साफ-सफाई व जागरूकता लाने में सक्रिय रहते हैं. उन्होंने बताया कि एमयू के 44 कॉलेजों में 79 एनएसएस की यूनिट गठित है. 30 यूनिटों का स्पेशल कैंप आयोजित किया जा चुका है. एमयू में पीजी विभागों व दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के दो यूनिट काम कर रहे हैं. अगले सात दिनों में कैंप के दौरान एनएसएस के स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग के अतिरिक्त सामाजिक गतिविधियों व स्लम क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने में भी लगाया जायेगा. इस कार्यक्रम में मंच का संचालन शिक्षा विभाग के शिक्षक डॉ धनंजय धीरज ने किया. एनएसएस की ओर से कुलपति, प्रतिकुलपति, डीएसडब्ल्यू व अन्य पदाधिकारियों को 51 किलो का फूलों का माला पहनाया गया और एनएसएस के छात्र-छात्राओं द्वारा बनायी गयी पेंटिंग्स भी भेंट की गयीं. कुलपति ने राष्ट्रपति से सम्मानित एनएसएस स्वयंसेवक धर्मेंद्र कुमार को शॉल भेंट कर सम्मानित किया व अन्य स्वयंसेवकों से भी बेहतर कार्य करने की अपील की.स्वयंसेवकों ने बांधा समां स्पेशल कैंप के उद्घाटन समारोह के एनएसएस के स्वयंसेवकों ने गीत-संगीत व नृत्य से ऐसा समां बांधा कि मन्नूलाल केंद्रीय पुस्तकालय के सभागार में मौजूद लोग मुग्ध हो गये. देश के शहीदों को नमन करते हुए पीजी यूनिट की अंजलि कुमारी ने एे मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी…, गीत गाकर लोगों देशभक्ति के भाव से भर दिया. इसके बाद श्रुति त्रिपाठी ने ‘देश रंगीला-रंगीला…’ व एक अन्य गीत पर बेहतरीन नृत्य की प्रस्तुति दी. इसके अतिरिक्त मीनू कुमारी व सुषमा कुमारी ने भी बेहतरीन नृत्य प्रस्तुत कर तालियां बटोरीं. छात्र शिवांग ने भूख से तड़पते व्यक्ति की हालत प्रस्तुत कर मौजूद लोगों को गरीबी व भूख से अवगत कराने का बेहतर प्रयास किया.

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