गया : स्त्रियों के अधिकारों पर हो रहे चौतरफे हमले, बढ़ती लैंगिक असमानता, भ्रूण हत्या, यौन हिंसा, दुष्कर्म व नव-उदारवादी आर्थिक नीतियों के विरुद्ध महिलाओं को गोलबंद करने के लिए अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) का 10 वां राष्ट्रीय अधिवेशन सह अखिल भारतीय महिला सम्मेलन शुक्रवार से मगध विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन में होगा.
गुरुवार को गांधी मैदान से जनवादी महिलाओं की रैली निकाली गयी, जो शहर के विभिन्न सड़कों से हाते हुए आजाद पार्क पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी. सभा में एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगमती सांगवान ने कहा कि राज्य में विकास का ऐसा मॉडल अपनाया जा रहा है कि जनवितरण प्रणाली की दुकान शायद ही कभी खुलता हो, लेकिन शराब की दुकान 24 घंटे खुले रहते हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसे में एडवा का 10 वां राष्ट्रीय सम्मेलन बोधगया में करना ?साहसिक कदम है. देश भर में प्याज की कीमत 80 से 100 रुपये किलो हो गयी है. रोजी-रोटी के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. राष्ट्रीय महासचिव सुधा सुंदर रमण ने कहा कि आजादी के 66 सालों बाद भी महिलाएं आजाद नहीं हो पायीं हैं.
इसके लिए सरकार की दोषपूर्ण नीतियां व पूंजीवादी व्यवस्था मुख्य रूप से जिम्मेवार हैं. सभी की अध्यक्षता करते हुए एडवा की राज्याध्यक्ष श्यामपरी देवी ने कहा कि महिलाओं की समस्याओं पर चर्चा व उनसे निबटने के लिए आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए ही बोधगया में सम्मेलन किया जा रहा है.
नये पदाधिकारियों का चुनाव भी होगा. सम्मेलन के संयोजक गणोश शंकर विद्यार्थी ने अतिथियों का स्वागत किया व गीता सागर ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस मौके पर पूर्व सांसद वृंदा करात व सुभाषणी अली, स्मीथ कॉलेज यूएसए की प्रो एलिजाबेथ आर्मस्ट्रांग, एडवा की उपाध्यक्ष पुष्पा, सत्येंद्र सिंह, रामवृक्ष प्रसाद व सतीश कुमार के अलावा 22 राज्यों से आयीं. इसमें 1000 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे.