गया: हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) बिना कोई तकलीफ दिये शरीर के अंगों को धीरे-धीरे प्रभावित करता है. इससे हर्ट फेल होने के साथ किडनी भी प्रभावित होती है. लकवा व अंधापन भी हो सकता है. और-तो-और हाइपरटेंशन मौत का भी कारण बन सकता है. यह बीमारी साइलेंट किलर है, जो शरीर को गुप्त रूप से खत्म करती है. इसका इलाज संभव है. अगर सही समय पर इसका सही इलाज किया जाये, तो मौत को टाला जा सकता है. यह कहना है ‘एचएसआइ (हाइपर सोसाइटी ऑफ इंडिया) कोन 2013’ के आयोजक अध्यक्ष डॉ एएन राय व सचिव डॉ प्रमोद कुमार सिन्हा का.
गुरुवार को एपीआइ भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में डॉ सिन्हा ने बताया कि हाइपर टेंशन के रोगियों की लगातार बढ़ती संख्या व इसके घातक दुष्परिणाम की वजह से ही डब्ल्यूएचओ ने चालू वर्ष को हाइपर टेंशन वर्ष घोषित किया है. उन्होंने बताया कि आगामी 19 अक्तूबर से बोधगया के होटल गौतम में हाइपर टेंशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (एचएसआइ के दो दिवसीय 22वें वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया जायेगा.
इसमें न केवल राज्यस्तरीय, बल्कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं का व्याख्यान होगा. उन्होंने बताया कि यह गया के लिए गर्व की बात है कि अधिवेशन में ख्याति प्राप्त चिकित्सक डॉ एएन राय वर्ष 2013-14 सत्र के लिए अध्यक्ष का प्रभार ग्रहण करेंगे. डॉ राय ने बताया कि गया में एचएसआइ का यह दूसरा अधिवेशन है. वर्ष 2009 में 18वां अधिवेशन हुआ था. अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है. 35 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग ब्लड प्रेशर जांच कराने के लिए हमेशा डॉक्टर के संपर्क में रहें. उन्होंने कहा कि जो लोग लगातार मद्यपान सेवन करते हैं या फिर मोटे लोगों में इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है. शरीर में कंपन, चिड़चिड़ापन, कमजोरी महसूस होना, आंखों के सामने अंधेरा छाना आदि इसके लक्षण हैं. उन्होंने कहा कि कुल आबादी की गांव में आधी जनसंख्या इसके शिकार हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में 35-40 प्रतिशत आबादी इसके शिकार हैं.
अधिवेशन में हाइपर टेंशन के विभिन्न आयामों पर परिचर्चा में डॉ वीआर वम्सोडे, डॉ शेषांक आर जोशी, डॉ सिद्धार्थ एन साह, डॉ वी सलागे व डॉ आसित भगवती (मुंबई), डॉ जेपी एस स्वामी व डॉ वी एस विवेक (दिल्ली), डॉ जीएस वांडर (लुधियाना), डॉ आर चांदनी व डॉ शशिधरण (केरल), डॉ के के त्रिपाठी (वाराणसी) डॉ अब्राहम ओमान (चेन्नई), डॉ कुणाल कोठारी (जयपुर) आदि शिरकत करेंगे. पत्रकार वार्ता में एचएसआइ कोन 2013 के आयोजन अध्यक्ष डॉ एएन राय, डॉ एसके पंडा व डॉ रामसेवक प्रसाद सिंह शामिल थे.