बोधगया: बोधगया नगर पंचायत क्षेत्र आउटसोर्सिग से सफाई कराने में नगर पंचायत ने हाथ खड़ा कर दिया है. गुरुवार को नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को इससे अवगत कराया गया कि बोधगया में आउटसोर्सिग से सफाई कराने में हर माह आठ लाख, 50 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं.
साल में एक करोड़, दो लाख रुपये का व्यय होने के बावजूद इस मद में सरकार द्वारा आवंटन भी नहीं दिया जा रहा है. साथ ही, सरकारी आदेश के अनुसार, बीपीएल परिवारों व धार्मिक संस्थानों से यूजर चार्ज नहीं लेना है. नगर पंचायत की अध्यक्ष प्रीति सिंह के हवाले से प्रधान सचिव को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि बोधगया नगर क्षेत्र में 30 प्रतिशत बीपीएल व 40 प्रतिशत धार्मिक संस्थान हैं.
ऐसे में यूजर चार्ज की वसूली नहीं हो पाने की स्थिति में आउटसोर्सिग के मद में होने वाले व्यय का भुगतान करना नगर पंचायत के वश की बात नहीं है. अध्यक्ष ने सरकार से हर साल एक करोड़ दो लाख रुपये की मांग की है. इसके अलावा बोधगया के मास्टर प्लान में संशोधन करने व स्थानीय स्तर पर आम लोगों की राय लेने की भी जरूरत बताया है.
अध्यक्ष ने बोधगया में बिल्डिंग बायलॉज के खिलाफ जा कर भवनों के निर्माण करने वालों पर कार्रवाई करने में स्थानीय पुलिस द्वारा सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि नगर पंचायत को अलग से पुलिस बल मुहैया करायी जाये. पत्र में कहा गया है कि नगर पंचायत में कर्मचारियों के कई पद रिक्त हैं. इसके परेशानी हो रही है. अध्यक्ष ने बोधगया में सीवरेज व जलापूर्ति योजना के तहत जारी कार्यो की गुणवत्ता की जांच करने का भी आग्रह किया है. गुरुवार को पटना में आयोजित बैठक के दौरान यह मांग पत्र सौंपा गया. बैठक में नगर पंचायत के उपाध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह भीशामिल थे.