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ट्रेनों पर पिंडदानियों का खास दबाव नहीं!
गया : इस बार पितृपक्ष मेले में आने जानेवाले पिंडदानियों की भीड़ का खासा असर गया जंकशन होकर गुजरने वाली मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों पर नहीं दिख रहा है. गया स्टेशन आरक्षण कार्यालय के अनुसार, गया से होकर गुजरने वाली मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में सामान्य दिनों की तरह ही पितृपक्ष के 18 दिनों के […]
गया : इस बार पितृपक्ष मेले में आने जानेवाले पिंडदानियों की भीड़ का खासा असर गया जंकशन होकर गुजरने वाली मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों पर नहीं दिख रहा है. गया स्टेशन आरक्षण कार्यालय के अनुसार, गया से होकर गुजरने वाली मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में सामान्य दिनों की तरह ही पितृपक्ष के 18 दिनों के दौरान आरक्षण टिकटों की वेटिंग है.
अगर ट्रेनों से कम संख्या में पिंडदानी आयेंगे, तो रेलवे की आमदनी में भी कमी आयेगी. वहीं, टिकटों पर लगाये जानेवाले सरचार्ज से जिला प्रशासन को होनेवाली आय में भी कमी आयेगी.
गौरतलब है कि ट्रेनों द्वारा गयाधाम आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों में अधिकतर राजस्थान, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, उतर प्रदेश, जबलपुर, पुणे, मुबंई व चेन्नई समेत बिहार के विभिन्न जिलों व नेपाल के भी पिंडदानी होते हैं.
इस बार पितृपक्ष के दौरान ट्रेनों से कम संख्या में तीर्थयात्रियों के गया आने की संभावना है. पिछले साल पिंडदानियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने गया से जबलपुर तक स्पेशल ट्रेन चलायी गयी थी. सूचना है कि इस साल भी गया से वाराणसी तक स्पेशल ट्रेन चलाने की रेलवे की योजना है. साथ ही, शिप्रा एक्सप्रेस, चंबल एक्सप्रेस व पुरुषोत्तम एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों में अतिरिक्त कोंच भी लगाये जाने की संभावना है.
इन ट्रेनों में नो रूम व वेटिंग : मुंबई मेल, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, देहरादून एक्सप्रेस, अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस, नीलांचल एक्सप्रेस व जोधपुर एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों में लंबी वेटिंग व नो-रूम की स्थिति है. गया से पुरी तक पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के थ्री एसी में 30 सितंबर से 10 अक्तूबर तक नो रूम, एसी-टू में 30 सितबंर से सात अक्तूबर तक नो रूम व स्लीपर में एक अक्तूबर से सात अक्तूबर तक नो रूम है.
गया से जबलपुर तक मुंबई मेल में 27 सितबंर से 13 अक्तूबर तक वेटिंग है. वहीं, जोधपुर एक्सप्रेस में 27 सितबंर से 13 अक्तूबर तक वेटिंग है. चेन्नई एक्सप्रेस में 27 सितबंर से 13 अक्तूबर तक आरक्षित टिकट उपल्बध है. देहरादून एक्सप्रेस में 27 सितबंर से 13 अक्तूबर तक आरक्षण टिकट उपलब्ध हैं.
पिछले वर्ष सरचार्ज से हुई थी 14.67 लाख की आय : रेल सूत्रों की मानें, तो पिछले वर्ष पितृपक्ष मेले के दौरान जनरल व आरक्षण टिकटों पर सरजार्च लगाने से रेलवे को 14 लाख 67 हजार 759 रुपये की आमदनी हुई थी. यह सरचार्ज 15 रुपये से अधिक के टिकटों पर लगाया गया था.
इसमें जनरल, मेल व एक्सप्रेस के जनरल टिकटों पर पांच रुपये, एसी चेयरकार व एसी थ्री टियर के टिकटों पर 10 रुपये, फर्स्ट क्लास मेल व एसी-टू के टिकटों पर 15 रुपये व फर्स्ट क्लास एसी के टिकटों पर 20 रुपये सरचार्ज लगाया गया था. गया जंकशन के वरीय अधिकारी के अनुसार, पितृपक्ष मेले के दौरान यात्रियों से टिकटों पर लिये जानेवाले सरचार्ज से होनी आमदनी जिला प्रशासन को दी जाती है. अगर इस बार ट्रेनों से कम संख्या में पिंडदानी आयेंगे, तो जिला प्रशासन को नुकसान होगा.
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