कलेंद्र प्रताप
बोधगया : महाबोधि मंदिर परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आनेवाले दिनों में बोधगया पूरे विश्व के लोगों के लिए आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी बनेगी. दुनिया भर के बौद्ध श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए बोधगया को विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी.
वह शनिवार की दोपहर पहले अंतरराष्ट्रीय हिंदू-बौद्ध सम्मेलन के समापन मौके पर कई देशों के बौद्ध प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे. सम्मेलन की शुरुआत तीन सितंबर को दिल्ली में हुई थी. पीएम ने कहा कि यह सम्मेलन एशियाई देशों के लिए आर्थिक व सामाजिक उत्थान के लिए काफी महत्व रखता है. सम्मेलन में विभिन्न देशों के बौद्ध विद्धान, दार्शनिक व प्रतिनिधि शामिल हुए .
इसके बाद सभी मानवता व पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रयास तेज करेंगे. पीएम ने कहा कि बोधगया को सिर्फ सिद्धार्थ मिला था, पर बोधगया ने विश्व को बुद्ध दिया. आज पूरी दुनिया बुद्ध की ओर देख रही है. बोधगया मानवता का संदेश देनेवाली भूमि है और बुद्ध के ज्ञान से हर समस्या का समाधान संभव है. उन्होंने बुद्ध को एक महान शिक्षक बताया और कहा कि पांच सितंबर को हम देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन व शिक्षकों के शिक्षक श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में भी मना रहे हैं.
पीएम ने कहा कि हिंदू धर्म दुनिया का कल्याण करनेवाला है और हिंदू धर्म पर भगवान बुद्ध का भी असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने कर्मयोग का पाठ पढ़ाया और बुद्ध ने आष्टांगिक मार्ग व पंचशील का पाठ पढ़ाया, जो आज के माहौल में दोनों प्रासंगिक हैं. श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के पहले व बुद्ध ने एक व्यापक युद्ध की आशंका के बाद संदेश दिया.
इस बीच पीएम ने यह भी कहा कि व्यक्ति किसी भी धर्म को मानने के लिए स्वतंत्र है, पर कतिपय लोगों द्वारा इसके लिए दबाव बनाना ठीक नहीं है. पीएम ने कहा कि जापान सरकार ने भी जनवरी, 2016 में इस तरह का बौद्ध समागम आयोजित करने का निर्णय लिया है. सभी देशों के आये प्रतिनिधि भी अपने-अपने देशों में इस तरह के सम्मेलन का आयोजन कराएं. इससे आपसी समन्वय में बढ़ोतरी होगी.