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बागेश्वरी गुमटी के पास युवक की गोली मार कर हत्या करने का मामला, परिवार ने लिया किसी रंजन यादव का नाम
गया: बागेश्वरी गुमटी के पास गुरुवार को रामधनपुर गबड़ा पर निवासी गौतम नामक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे गौतम के परिजन हत्या के पीछे बार-बार किसी रंजन यादव का नाम ले रहे थे. मृतक के भाई मंटू कुमार के मुताबिक, रंजन यादव का बंगला स्थान और […]
गया: बागेश्वरी गुमटी के पास गुरुवार को रामधनपुर गबड़ा पर निवासी गौतम नामक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे गौतम के परिजन हत्या के पीछे बार-बार किसी रंजन यादव का नाम ले रहे थे.
मृतक के भाई मंटू कुमार के मुताबिक, रंजन यादव का बंगला स्थान और महारानी रोड में वर्चस्व है. वह इस इलाके में लॉटरी का धंधा चलता है. इस इलाके से गुजरनेवाली ट्रेनों से कोयला उतारना व ट्रेन के यात्रियों के साथ छिनतई करवाना उसका काम है. मंटू के मुताबिक, दो साल पहले रंजन यादव ने उसके भाई गौतम को मारा था. उन लोगों ने रंजन के खिलाफ मुकदमा भी किया था. इसमें रंजन यादव को जेल भी हुई. दो महीने में ही वह जेल से बाहर आ गया. तब से वह लगातार गौतम व उसके परिवार पर केस वापस लेने की धमकी दे रहा था. मृतक की बहन ने बताया कि गत नौ मई को फिर उनलोगों ने सीजेएम के पास धमकी दिये जाने के मामले में शिकायत दर्ज करायी थी. इसके बाद रंजन यादव ने उनके घर पर कुछ लोगों के साथ जाकर धमकी दी. उसने एक फायरिंग भी की.
बैरागी मोड़ पर परिजनों ने जाम की सड़क
देर शाम बम बाबा रामशिला खाई से गौतम का शव निकाला गया. इसके बाद उसके परिजनों ने शव के साथ बैरागी मोड़ के पास कई घंटे तक सड़क जाम कर दी. परिजन मुआवजे व हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. सूचना पर पहुंचे सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह ने प्रदर्शन कर रहे गौतम के परिजनों को समझा-बुझा कर जाम हटवाया. उन्होंने हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन भी दिया. इसके गौतम के शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल भेजा. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया. देर रात तक विष्णुपद स्थित श्मशान घाट पर गौतम के शव के दाह संस्कार की तैयारी चल रही थी.
पुलिस पर भी उठाया सवाल
परिवार के सदस्यों का ज्यादा गुस्सा पुलिस पर था. उनके अनुसार रंजन यादव के सभी अवैध धंधों की जानकारी पुलिस को रहती है. लेकिन, पुलिस लगातार उसके अवैध धंधों को नजरअंदाज करती रही है. कई बार लॉटरी खेलते हुए भी छापेमारी की गयी, लेकिन यह महज औपचारिकता मात्र ही रही. परिवार के लोगों के मुताबिक, रंजन यादव से गौतम का खतरा था. इसकी जानकारी कई बार पुलिस के वरीय अधिकारियों को दी गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. आखिरकार उनके भाई की जान चली गयी.
दिन भर परेशान रहे अधिकारी
गौतम की हत्या की सूचना मिलने के बाद पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे कोतवाली थानाध्यक्ष उदय शंकर व डेल्हा थानाध्यक्ष शशिभूषण सिंह ने जांच-पड़ताल की. साथ ही, गौतम के परिजनों से भी बातचीत की. दोनों थानों की पुलिस पूर दिन घटनास्थल मौजूद थी. देर शाम प्राइवेट गोताखोरों के जरिये गौतम के शव को बम बाबा रामशिला खाई से निकलवाने में भी दोनों थानाध्यक्ष जुटे रहे.
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