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राज्यपाल से स्वीकृति मिलने पर शुरू होगी नामांकन की प्रक्रिया, राजभवन गया बीएड का ऑर्डिनेंस
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के शिक्षा विभाग द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्रों के लिए शिक्षक प्रशिक्षण (बीएड) से संबंधित कई पाठ्यक्रमों के लिए ऑर्डिनेंस एंड रेगुलेशन (अध्यादेश व नियमन) को तैयार कर राजभवन भेज दिया गया है. अब राजभवन सचिवालय से निर्देश (स्वीकृति) प्राप्त होने के बाद विश्वविद्यालय के नियमों के अनुकूल दो वर्षीय बीएड कोर्स […]
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के शिक्षा विभाग द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्रों के लिए शिक्षक प्रशिक्षण (बीएड) से संबंधित कई पाठ्यक्रमों के लिए ऑर्डिनेंस एंड रेगुलेशन (अध्यादेश व नियमन) को तैयार कर राजभवन भेज दिया गया है. अब राजभवन सचिवालय से निर्देश (स्वीकृति) प्राप्त होने के बाद विश्वविद्यालय के नियमों के अनुकूल दो वर्षीय बीएड कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
एमयू के शिक्षा विभाग के डीन डॉ इसराइल खां ने बताया कि एनसीटीइ की 28 नवंबर, 2014 को जारी अधिसूचना व भारत का राजपत्र असाधारण भाग तीन, खंड चार के दिशा-निर्देश के अनुसार बीएड नियमित पाठ्यक्रम की अवधि एक से बढ़ा कर दो वर्ष कर दिया गया है. साथ ही, बीएड संस्थानों में शिक्षकों की संख्या में बढ़ाने समेत कई अन्य निर्देश दिये गये हैं.
उन्होंने बताया कि नए सत्र में बीएड कोर्स में नामांकन के लिए ठोस कदम उठाते हुए बीएड नियमित व दूरस्थ और डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) नियमित व दूरस्थ पाठ्यक्रमों का अध्यादेश व नियमन तैयार कर राजभवन को भेजा गया है. इससे पहले उक्त अध्यादेश व नियमन को एमयू के संबंधित निकायों विद्वत परिषद (एकेडमिक कौंसिल), अभिषद् (सिंडिकेट) व अधिषद् (सीनेट) से पारित करा लिया गया है. अब इसकी स्वीकृति व अनुमोदन मिलने के बाद नामांकन शुरू की जायेगी.
उल्लेखनीय है कि एमयू स्थित शिक्षा विभाग में इस सत्र से डीएलएड की पढ़ाई शुरू की जायेगी. इसमें डिप्लोमा हासिल करनेवाले छात्र-छात्रओं को बिहार सरकार के माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक के रूप में चयन किया जायेगा. डॉ खां ने बताया कि एमयू के शिक्षा विभाग द्वारा तैयार अध्यादेश व नियमन ही एमयू से जुड़े कॉलेजों व बीएड संस्थानों के लिए मान्य होगा.
उन्होंने बताया कि अब नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए राजभवन से अनुमोदन व स्वीकृति प्राप्त होने का इंतजार किया जा रहा है. यह भी कि जुलाई से नये सत्र की शुरुआत होती है. अध्यादेश व नियमन को तैयार करने में शिक्षा विभाग के प्राचार्य डॉ पीके धल, शिक्षक डॉ धनंजय धीरज व अन्य शिक्षकों ने काफी मुस्तैदी से अपनी भागीदारी निभायी है.
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