* आयुक्त आरके खंडेलवाल व संपदा पदाधिकारी की पहल से आगे बढ़ी बात
* विवि की 11 एकड़ भूमि का अतिक्रमण कर विदेशी बौद्ध मठ के हाथों बेचने का मामला
* मोचारिम गांव के श्रीपुर टोले में है विवि की 11.74 एकड़ जमीन
गया : मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रभार में रहने के दौरान आयुक्त आरके खंडेलवाल ने विवि की 11 एकड़ जमीन का अतिक्रमण कर विदेशी बौद्ध मठ के हाथों बेचने का मामला उजागर किया गया था. आयुक्त ने इस मामले में नापी करवायी और इसे मुक्त करने की दिशा में कार्रवाई की, जिससे भूमि माफियाओं में अब तक हड़कंप है. इस मामले को उजागर करने में विश्वविद्यालय के संपदा पदाधिकारी रमेश प्रसाद सिंह ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.
उन्होंने आयुक्त को कागजात व जमीन की वस्तु स्थिति से अवगत कराया, जिससे आयुक्त को कार्रवाई करने में काफी सुविधा हुई. संपदा पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि बोधगया क्षेत्र के मोचारिम गांव के श्रीपुर टोला में इस विवि का 11.74 एकड़ जमीन है. इस जमीन पर भू–माफिया की नजर थी. इसी गांव के कैलाश मांझी ने इस जमीन को विदेशी बौद्ध मठ को बेचने की पहल शुरू की थी. इतना ही नहीं, इस जमीन के बदले लाखों रुपये वसूल भी किये गये.
* मामले की सुनवाई 25 को
संपदा पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश चार के न्यायालय में चल रहा है. उन्होंने बताया कि बहुत दिनों तक कैलाश मांझी इस न्यायालय से नोटिस जारी होने के बाद भी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए, लेकिन न्यायालय व पुलिस के दबाव के कारण उन्हें अदालत में उपस्थित होना पड़ा. उन्होंने बताया कि सबसे पहले इस जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गयी.
इस कारण विवि की जमीन मुक्त होने की संभावना बढ़ गयी है. इस मामले में अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. अब विश्वविद्यालय प्रशासन को जल्द ही इस पर फैसला आने की उम्मीद है.