गया: मां का दूध बच्चों के लिए अमृत के समान है. प्रसव के एक घंटे के अंदर खिरसापान, छह माह तक सिर्फ स्तनपान व दो साल तक स्तनपान कराना चाहिए. ये बातें सेव द चिल्ड्रेन के सहयोग से अग्रगामी इंडिया की ओर से दयानंद सुशीला सहाय सांस्कृतिक केंद्र में रविवार को आयोजित विश्व स्तनपान दिवस समारोह में संस्था के कार्यक्रम प्रबंधक मणिकांत ने कहीं.
समारोह में क्षमता निर्माण पदाधिकारी शैलेंद्र, क्षेत्रीय पदाधिकारी संतोष व रंधीर ने स्तनपान के 10 कदमों पर चर्चा की. स्तनपान के लाभ, स्तनपान की प्रक्रिया, कंगारू पद्धति से बच्चों की देखभाल, स्तनपान के कृत्रिम निषेध, स्तनपान के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की क्षमता वर्धन आदि से संबंधित जानकारी दी गयी.
समारोह में मोहनपुर प्रखंड की आशा, आंगनबाड़ी सेविका, ग्राम नियोजन अनुश्रवण समिति के सदस्यों ने भाग लिया. इससे पहले जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यालय से कलशयात्रा व रैली निकाली गयी, जिसे जिला परिषद की अध्यक्ष नीमा कुमारी व उपाध्यक्ष शीतल प्रसाद यादव ने हरी झंडी दिखा कर विदा किया. रैली काशीनाथ मोड़, गांधी मैदान, न्यू करीम गंज से होते हुए एपी कॉलोनी रोड स्थित दयानंद सुशीला सहाय सांस्कृतिक केंद्र पहुंच कर समारोह में तब्दील हो गयी.