बोधगया: मगध विश्वविद्यालय द्वारा फिर से कंप्यूटराइज्ड डिग्री दी जायेगी. इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. डिग्री के फॉर्मेट भी पहले की तुलना में बदला हुआ नजर आयेगा. फिलहाल, एमयू द्वारा मैनुअल (हाथ से लिखी हुई) डिग्री उपलब्ध करायी जा रही है. पर, वह भी 2009 के बाद वाले छात्र-छात्रओं को. 2001 से 2008 तक के छात्र-छात्रओं को एमयू द्वारा कंप्यूटराइज्ड डिग्री ही दी जा रही है.
उल्लेखनीय है कि पूर्व कुलपति प्रो वीएन पांडेय ने एमयू के छात्र-छात्राओं को कंप्यूटराइज्ड डिग्री मुहैया कराने की कोशिश की थी. इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी के माध्यम से 2001 से 2008 तक के पास विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटराइज्ड डिग्री बना दी गयी थी. इसके बाद कंपनी का एमयू के साथ करार खत्म हो गया व उसे फिर से डिग्री बनाने की जिम्मेवारी नहीं दी गयी. कुलपति बदलते गये व डिग्री बनाने का काम मैनुअल होता गया.
हालांकि, 2001 से 2008 के बीच वैसे छात्र-छात्राओं की डिग्री भी मैनुअल ही दी जाती है, जिनका रिजल्ट क्लियर नहीं हो पाया था. किसी कारण से जिनका रिजल्ट पेंडिंग रह गया था, उन्होंने बाद में रिजल्ट क्लियर कराये व मैनुअल डिग्री लेते गये. इस बारे में मगध विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ सुशील कुमार सिंह ने बताया कि अब फिर से छात्र-छात्रओं को कंप्यूटराइज्ड डिग्री मुहैया करायी जायेगी. इसके लिए नये फॉर्मेट के साथ हिंदी व अंगरेजी दोनों भाषाओं में लिखा होगा. उन्होंने बताया कि नये फॉर्मेट में होलोग्राम भी होगा, जिससे असली-नकली की पहचान आसानी से की जा सकेगी.
उन्होंने बताया कि कंप्यूटराइज्ड डिग्री बनाने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है. जल्द ही उसे प्रकाशित कराने का काम शुरू कर दिया जायेगा.