गया: कोतवाली थाने के रामशिला मोड़ के पास रहनेवाले निरंजन कुमार गुप्ता व बैरागी-डाक स्थान मुहल्ले के वीरेंद्र कुमार की हत्या के विरोध में रविवार को परिजनों ने पहासवर मोड़ के पास प्रदर्शन किया. साथ ही, गया-पटना मुख्य पथ को जाम करने का भी प्रयास किया.
परिजनों की मांग थी कि नवादा जिले के नगर थाने की पुलिस ने उनके शवों का दाह संस्कार क्यों कर दिया? दाह संस्कार करने के पहले पुलिस ने शवों की पहचान करने की मशक्कत क्यों नहीं की? इन युवकों की हत्या करने के पीछे हत्यारों की क्या मंशा थी? इसका खुलासा पुलिस करे. सड़क जाम की सूचना मिलते ही कोतवाली इंस्पेक्टर उदय शंकर, डेल्हा इंस्पेक्टर निखिल कुमार, नगर बीडीओ डॉ प्रभात रंजन व नगर सीओ धीरज कुमार सहित अधिकारी वहां पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया. इंस्पेक्टर ने परिजनों को बताया कि आठ अगस्त को नवादा जिले के नगर थाना इलाके में रेलवे ट्रैक के पास निरंजन व वीरेंद्र के शव मिले थे.
लेकिन, उस समय उनकी पहचान नहीं हो सकी थी. नियम के अनुसार, पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर 72 घंटे तक उनकी पहचान के लिए सुरक्षित रखा. लेकिन, उनकी पहचान नहीं हुई, तो 72 घंटे बाद पुलिस ने दोनों शवों का दाह संस्कार कर दिया. इंस्पेक्टर ने परिजनों को बताया कि दोनों शवों के शरीर से बरामद कपड़ों को उन्हें उपलब्ध करा दिया जायेगा. नवादा डीएसपी इस मामले की जांच खुद कर रहे हैं. वह लगातार गया पुलिस के संपर्क में हैं. इस हत्याकांड से जुड़े हर कड़ी को जोड़ा जा रहा है. इंस्पेक्टर ने बताया कि निरंजन कुमार गुप्ता के दोनों मोबाइल नंबरों का सीडीआर (कॉल डिटेल रेकॉर्ड) निकाला जा रहा है. सात अगस्त व उसके बाद निरंजन ने किस-किस व्यक्ति से बात की. उसके आधार पर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जायेगा.
गौरतलब है कि सात अगस्त से निरंजन व वीरेंद्र लापता थे. इस मामले में निरंजन की पत्नी आरती देवी ने रामशिला मुहल्ले के शत्रुघ्न रजक के विरुद्ध शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करायी थी और परिजनों ने शत्रुघ्न को पकड़ कर पुलिस को सौंपा था. पुलिस ने शत्रुघ्न से पूछताछ कर जेल भेज दिया है.