गया : कोतवाली थाना अंतर्गत पंचायती अखाड़ा के मोहम्मद अकरम परवेज़ ने सऊदी अरब में रहकर अपने पिता के इलाज के रुपये जमा किये थे. पर साइबर गिरोह के द्वारा 32000 रुपये खाते में ट्रांसफर करने व 20 हजार रुपये एटीएम से उड़ा लेने का मामला सामने आया है. इस पूरे मामले को लेकर विदेश में रह रहे अकरम के भाई मोहम्मद दानिश ने गांधी मैदान एसबीआइ ब्रांच पहुंच कर बैंककर्मी से अपने भाई के खाते की जानकारी ली. बैंककर्मी द्वारा बताया गया कि किसी रवि कुमार के खाते में 32000 रुपये ट्रांसफर किये गये हैं.
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विदेश में रह कर कमाये रुपये साइबर गिरोह ने उड़ाये
गया : कोतवाली थाना अंतर्गत पंचायती अखाड़ा के मोहम्मद अकरम परवेज़ ने सऊदी अरब में रहकर अपने पिता के इलाज के रुपये जमा किये थे. पर साइबर गिरोह के द्वारा 32000 रुपये खाते में ट्रांसफर करने व 20 हजार रुपये एटीएम से उड़ा लेने का मामला सामने आया है. इस पूरे मामले को लेकर विदेश […]
रवि कुमार का खाता एसबीआइ स्वराजपुरी रोड में है, वहां जाकर संपर्क करें. पीड़ित एसबीआइ स्वराजपुरी रोड ब्रांच पहुंचे और मैनेजर को पूरी घटना बतायी. मोबाइल में आये मैसेज को दिखाया. बैंक द्वारा रवि कुमार के खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर दिया गया. पीड़ित ने जब उस नंबर पर बात की, तो मैनेज करने की बात की गयी और बुला कर बैठ कर मामले को टनकुप्पा आकर निबटाने की बात कही गयी.
गिरोह के सदस्य ने कई बार फोन पर बात की
पीड़ित ने बताया कि इस दौरान उनके व साइबर क्राइम गिरोह के सदस्य बीच कई बार मोबाइल फोन पर बात हुई. साइबर गिरोह के द्वारा आया पहला फोन नंबर 7989975887, दूसरा नंबर 7352629675, तीसरा नंबर 0631 2223097, चौथा नंबर 9113439215 है.
कई बार गिरोह के सदस्य ने कोई अन्य खाता नंबर मांगा, जिसमें वह रुपये भेज सके. लेकिन, पीड़ित समझ गये कि उनके पहले गये रुपये तो अब मिलनेवाले नहीं हैं. कुछ और रुपये उनके दूसरे खाते से गिरोह के सदस्य उड़ा लेंगे. अब वह पुलिस के यहां चक्कर लगा रहे हैं.
बैंक नहीं मांगता जानकारी
यह हमेशा ध्यान में रखने की बात है कि कोई भी बैंक कभी भी अपने ग्राहक से कभी उनके खाते की जानकारी नहीं मांगता. बैंक का काम केवल किसी भी प्रकार के बदलाव की जानकारी देना है. ग्राहक को अपने खाते में केवाइसी अपडेट करना हो या किसी और प्रकार का बदलाव करना हो, तो उसे बैंक ही जाना पड़ता है. देश भर में हो रहे ठगी के मामले में आरबीआइ व अन्य बैंक कई बार लोगों काे सतर्क करने के लिए सूचना डालते हैं. लेकिन, उसका अब भी सौ प्रतिशत असर नहीं हुआ है.
फ्राॅड काॅल केस पुलिस के लिए भी मुसीबत
फ्रॉड काॅल मामले में तफ्तीश करना पुलिस के लिए भी मुसीबत की बात हो जाती है. फोन काॅल पर एटीएम की जानकारी ले लेने के बाद गिरोह उसकी क्लोनिंग कर लेता है. अब ऐसे में वह एटीएम कब,कहां और कैसे प्रयोग हो रहा है, ये पता करना मुश्किल है . दूसरा जिन नंबरों से काॅल किया जाता है, उनमें से भी अधिकतर फर्जी आइडी पर खरीदे जाते हैं. एटीएम क्लोनिंग के मामले पेचीदा होने की वजह से पुलिस को इसमें कोई खास सफलता नहीं मिलती.
आॅनलाइन साइट है ठगों का नया निशाना
कुछ दिनों पहले शहर में एक व्यक्ति ने अपना कूलर बेचने के लिए एक आॅनलाइन साइट पर रजिस्ट्रेशन कराया. उन्होंने अपने कूलर कर तस्वीर और कीमत डाल दी. इसके कुछ दिनों के बाद ही उनके मोबाइल पर किसी ने फोन किया और कहा कि वह कूलर खरीदना चाहता है. बातों -बातों में उसने कूलर बेचने वाले का बैंक डिटेल ले लिया और उसके खाते से पैसे निकाल लिये.
केस 1
पंचायती अखाड़ा में रहनेवाले एक सज्जन को मोबाइल पर एक दिन फोन आया, वे मोबाइल के पास नहीं थे. फोन उनकी पत्नी ने रिसीव किया. उधर से उनके बैंक के ब्रांच के अधिकारी का नाम लेकर किसी व्यक्ति ने बात की. फोन करनेवाले ने खुद को बैंक का अधिकारी बताया और केवाइसी प्रक्रिया पूरी करने को लेकर जानकारी मांगने लगा. पत्नी ने फोन अपने पति को दे दिया. बातचीत के फ्लो में पति ने भी ध्यान नहीं दिया और जानकारी उपलब्ध कराते गये.
प्रक्रिया पूरी करने के बाद फोन कट कर दिया और इसके बाद अपने काम में लग गये. शाम में उनके खाते से 25 हजार रुपये निकल गये. मैसेज मिलने पर वह टेंशन में आ गये. अगले दिन बैंक गये, तो पता चला कि बैंक की ओर से कोई भी फोन नहीं गया है.
केस 2
रामपुर थाना इलाके में रहनेवाले एक रिटायर्ड शिक्षक के खाते से भी पैसे निकाल लिये गये. 22 जून को उनके मोबाइल पर एक काॅल आया. खुद को बैंक मैनेजर बता कर फोन करने वाले ने उनसे पहले बैंक की योजनाओं की जानकारी दी और फिर बातों में उलझा कर बैंक खाता, एटीएम व पिन की जानकारी भी हासिल कर ली. शिक्षक ने रामपुर थाना के जो आवेदन दिया उसमें उन्होंने लिखा कि ठगे जाने का अहसास तब हुआ जब उनके खाते से 50 हजार रुपये की शॉपिंग कर ली गयी. शिक्षक ने इस मामले में फोन करने वाले नंबर व उसके नाम की जानकारी भी थाने को उपलब्ध करायी है.
केस 3
tसाइबर ठगों से जुड़े एक मामले में स्वयं एसएसपी राजीव मिश्रा ने पिछले दिनों शहरवासियों को अलर्ट किया. उन्होंने अहमदाबाद साइबर क्राइम सेल द्वारा किये गये खुलासे की जानकारी देते हुए कहा कि एक नाइजिरियन गिरोह है जो इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर लोगों पर दबाव बनाता है और उनके खाते की जानकारी हासिल कर लाखों रुपये निकाल लेता है.
ये गिरोह फोन कर लोगों से उस मोबाइल नंबर की जानकारी हासिल कर लेता है जिनका इनकम टैक्स रिफंड फाॅर्म में उल्लेख किया गया है. इसके साथ ही बैंक डिटेल भी यह कहते हुए हासिल कर लेता है कि नहीं देने पर उनका इनकम टैक्स रिफंड रुक जायेगा. इसके बाद गिरोह के लोग खाते से पैसे निकाल लेते हैं. एसएसपी ने इस मामले में सभी को अलर्ट रहने को कहा है.
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