Advertisement
गया : अपने दम पर महिला जनप्रतिनिधि संभालें व्यवस्था
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर प्रभात खबर ने करायी परिचर्चा गया : मौजूदा समय में हर क्षेत्र में आधी आबादी की भागीदारी तेजी से बढ़ी है. घरों की दहलीज लांघकर महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ रही हैं. लेकिन, यह भी सत्य है कि लैंगिक असमानता अभी भी समाज […]
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर प्रभात खबर ने करायी परिचर्चा
गया : मौजूदा समय में हर क्षेत्र में आधी आबादी की भागीदारी तेजी से बढ़ी है. घरों की दहलीज लांघकर महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ रही हैं. लेकिन, यह भी सत्य है कि लैंगिक असमानता अभी भी समाज में बरकरार है. अगर महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है, तो निश्चित तौर पर इसकी शुरुआत अपने-अपने घरों से होनी चाहिए.
क्योंकि, आज भी घर के कोने में महिलाओं की सिसकी रह-रह कर सुनायी देती है. उक्त बातें गुरुवार को प्रभात खबर की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आइएमए हॉल में आयोजित परिचर्चा में सामने आयीं. ‘लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी’ विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में समाज में अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहीं महिलाओं व लड़कियों ने खुल कर अपनी बातें कहीं. कार्यक्रम में महिलाओं ने कहा कि पंचायती राज के स्तर पर चुनाव में महिलाओं को आरक्षण तो मिला, लेेकिन आज भी पंचायत से लेकर नगर निकाय तक की व्यवस्था मुखिया पति, सरपंच पति और पार्षद पति के हिसाब से चल रही है.
मतलब आरक्षण के माध्यम से महिलाओं की लोकतंत्र में केवल कागजी भागीदारी है. व्यवस्था अब भी पुरुष ही चला रहे हैं. इसे बदलना होगा. सरकार के स्तर पर कुछ ऐसे भी कदम लिये जाने होंगे जिसमें चुनाव जीत कर मुखिया,सरपंच और पार्षद बनने वाली महिलाओं को उनके कामकाज और अधिकार के प्रति जागरूक किया जा सके. इसके लिए प्रशिक्षण होना चाहिए. जनप्रतिनिधि के तौर पर जब महिलाएं केवल चुनी नहीं जायेंगी, बल्कि काम भी करेंगी, तब देश का लोकतंत्र मजबूत होगा.
महिलाओं ने कहा कि देश की राजनीति में आज भी महिलाओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम है. लंबे समय से लोकसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का मामला आज तक अटका पड़ा है. कुछ नाम को छोड़ दिया जाये तो आधी आबादी आज भी पुरुषों के मुकाबले राजनीति में काफी पीछे है.
हालांकि इसमें कुछ बदलाव हुए हैं, लेकिन अभी लंबी दूरी तय करनी है. महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक आरती कुमार ने सभी को हेल्पलाइन के क्रियाकलापों से अवगत कराया. कहा कि घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, द्वितीय विवाह, छेड़छाड़ जैसे महिला से संबंधित मामलों की सुनवाई होती है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement