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लेमपुर पइन को नहीं किया जा सका अतिक्रमण मुक्त
मानपुर : सलेमपुर पइन मानपुर प्रखंड के किसानों को लिए जीवनदायिनी मानी जाती थी. सलेमपुर गांव के दक्षिण फल्गु नदी से उद्गम स्थल था, जो मानपुर प्रखंड के दो दर्जन गांवों के अलावा खिजरसराय प्रखंड के भी गांवों के खेतों को पानी देता था. लेकिन, आज सलेमपुर पइन सिर्फ कागज के नक्शाें पर दिखता है. […]
मानपुर : सलेमपुर पइन मानपुर प्रखंड के किसानों को लिए जीवनदायिनी मानी जाती थी. सलेमपुर गांव के दक्षिण फल्गु नदी से उद्गम स्थल था, जो मानपुर प्रखंड के दो दर्जन गांवों के अलावा खिजरसराय प्रखंड के भी गांवों के खेतों को पानी देता था. लेकिन, आज सलेमपुर पइन सिर्फ कागज के नक्शाें पर दिखता है.
धरातल पर पइन की हालत इतनी खराब है कि 80 फुट से सिमट कर यह मात्र छह-सात फुट बची है. पइन पर बड़े बड़े बंगले खड़े हो गये. खटाल बना दिये गये. पइन अतिक्रमण कर गैराज व दुकान बना लिये. अब पइन के अतिक्रमण होने के कारण नगर निगम के दो दर्जन मुहल्लों के लोग बरसात के पानी से फजीहत झेलने को विवश है. पिछले साल बरसात में जलजमाव की समस्या गहरा गयी थी.
इससे विष्णु विहार, शिवपुरी, नारायण नगर, सिद्धार्थपुरी कॉलोनी, कृष्णापुरी मुहल्ला के अलावा काली पोखर व धर्मदेव नगर मुहल्ले के रहने वालों के मकानों व गलियों में पानी जमा रहा. पूर्व डीएम कुमार रवि ने तत्कालीन अंचलाधिकारी राम विनय शर्मा को आदेश दिया कि पइन का मापी कर अतिक्रमित मकानों को चिह्नित कर अतिक्रमण मुक्त किया जाये. सीओ ने मापी कर 68 मकानों मालिकों को नोटिस दिया. उसके मकानों पर लाल निशान दागा गया. लेकिन, अब तक अतिक्रमण मुक्त नहीं हुआ. बरसात माथे पर आ गयी, तो अब पानी से डूबना जरूरी है.
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