शाम में कैंडल मार्च निकाल कर जताया विरोध
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तीन दिनों की हड़ताल पर गये ग्रामीण बैंककर्मी, कामकाज हुआ प्रभावित
शाम में कैंडल मार्च निकाल कर जताया विरोध गया : यूनाइटेड फोरम आॅफ आरआरबी यूनियंस के आह्वान पर देश भर के सभी ग्रामीण बैंककर्मी सोमवार को हड़ताल पर चले गये. विभिन्न मांगों को लेकर शुरू की गयी यह हड़ताल 28 मार्च तक चलेगी. शहर में बैंककर्मी पूरे दिन धरना पर रहे व शाम में कैंडल […]
गया : यूनाइटेड फोरम आॅफ आरआरबी यूनियंस के आह्वान पर देश भर के सभी ग्रामीण बैंककर्मी सोमवार को हड़ताल पर चले गये. विभिन्न मांगों को लेकर शुरू की गयी यह हड़ताल 28 मार्च तक चलेगी. शहर में बैंककर्मी पूरे दिन धरना पर रहे व शाम में कैंडल मार्च निकाल कर अपना विरोध दर्ज कराया. कर्मचारियों ने कहा कि सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के निजीकरण पर रोक लगाये. इन लोगों ने बताया कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम 1976 के द्वारा किया गया है. अधिनियम के अनुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत सरकार, 35 प्रतिशत प्रायोजक बैंक व 15 प्रतिशत राज्य सरकारों का है.
वर्तमान सरकार द्वारा संसद से संशोधन प्रस्ताव पारित कर इसमें बदलाव किया जा रहा है. इसके बाद ग्रामीण बैंकों की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रायोजक बैंक व 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बाजार में बेचने की तैयारी है. कर्मचारी इस नीति का विरोध कर रहे हैं. कर्मचारी के प्रायोजक बैंकों के अनुरूप ग्रामीण बैंकों के कर्मचारियों व अधिकारियों की सेवा शर्तों में समरूपता,
दैनिक वेतन भोगी व सभी अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण किये जाने, पिछले प्रभाव से अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति योजना लागू किये जाने समेत अन्य मांगें शामिल हैं. शहर में धरना देनेवालों में यूएन शर्मा, शाद आलम, एसडी सिंह, अभिजीत कुमार, राजेश कुमार, शैलेंद्र कुमार, अरविंद कुमार सिन्हा, आलोक कुमार, अमित कुमार व अन्य शामिल रहे.
गया में 50 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय पदाधिकारी विभाकर झा ने बताया कि हड़ताल की वजह से काम-काज बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ. मार्च क्लोजिंग की वजह से काम का दबाव भी अधिक है. हड़ताल की वजह से कई ब्रांच बंद हो गये हैं. बिजनेस ट्रांजेक्शन में परेशानी है. हड़ताल की वजह से हुए नुकसान के संदर्भ में श्री झा ने बताया कि क्षेत्रीय स्तर पर यह बता पाना मुश्किल है, क्योंकि एकाउंट्स का सारा हिसाब-किताब मुख्यालय स्तर पर होता है. लेकिन, एक मैनेजर स्तर के अधिकारी ने बताया कि गया में एक दिन में ग्रामीण बैंक को करीब 50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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