दरभंगा : दहेज़ नहीं मिलने के कारण बहू की हत्या करने मामले में पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूपेश देव की अदालत ने पति एवं सास को आजीवन कारावास और पंद्रह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर दोषियों को एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी. अदालत ने सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के बहेड़ी निवासी लाल मोहम्मद एवं उसकी मां सकीना खातून को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं धारा 201 में पांच साल कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गयी है.
अर्थ दंड की राशि नहीं देने पर छह माह सजा भुगतनी होगी. सभी सजा साथ- साथ चलेगी. मामले में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक रामबृक्ष सहनी ने बहस किया.
मुजफ्फरपुर जिला के गायघाट थाना क्षेत्र के नाज़िरपुर निवासी हबीबुर रहमान की पुत्री मुश्तरी बेगम की शादी सिंहवारा थाना क्षेत्र के बहेरी निवासी मोहम्मद मुर्तुज़ा के पुत्र लाल मोहम्मद के साथ हुई थी. अपर लोक अभियोजक के अनुसार शादी के बाद से लाल मोहम्मद और उसकी मां सकीना खातून मुश्तरी बेगम से दहेज़ में मोटरसाइकिल की मांग करने लगे. दहेज़ में बाइक नहीं मिलने के कारण मां व बेटा ने मिलकर उसकी हत्या कर लाश को घर में ही गाड़ दिया था.
हत्या की सूचना पाकर मृतका के पिता हबीबुर रहमान पुत्री के यहां आया. पुलिस तथा ग्रामीणों के समक्ष मिट्टी खोदकर लाश को निकाला गया. इस संबंध में मृतका के पिता के फर्द बयान पर सिंहवाड़ा थाने में प्राथिमिकी दर्ज करायी गयी. प्राथमिकी में सूचक ने आरोप लगाया कि दहेज़ नहीं मिलने के कारण उसके दामाद लाल मोहम्मद और उसकी मां सकीना खातून ने मिलकर 8-9 अगस्त 2011 की रात में बेटी की हत्या कर दी है. साथ ही लाश को मिट्टी में गाड़ दिया है.
10 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने लाश को कब्जे में ले अंत्यपरीक्षण करायी. लोक अभियोजक नसीरुद्दीन हैदर ने बताया कि मामले में दोनों आरोपियों के विरुद्ध 28 जून 2013 को भा द वि की धारा 302/34 और 201 के तहत आरोप गठन किया गया. आरोप गठन के पश्चात अभियोजन की ओर से आठ गवाहों की गवाही कराई गई. अपर न्यायाधीश की अदालत ने मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात शनिवार को अपना फैसला सुनाया.
मुश्तरी बेगम की हत्या कर घर में गाड़ा था शव
ग्रामीणों व पुलिस के सामने जमीन खोद कर निकाला गया था शव
पिता ने सिंहवाड़ा थाने में दर्ज करायी थी प्राथमिकी