दरभंगा : नशा मुक्ति केन्द्र में मंगलवार को समस्तीपुर जिले के माही सिंघिया निवासी उमेश पहुंचे. बेटे को स्वस्थ्य देख उनके मुंह से निकल गया- ”डॉक्टर साहेब आब त हमर पप्पू ठीक भ गेलै.” पूछने पर उमेश ने बताया कि पांच बच्चे में सबसे बड़ा बेटा उमेश नशे का शिकार हो गया. पटना से लेकर रांची तक इलाज कराया. कहीं भी फायदा नहीं हुआ.
पिछले महीने पता चला कि डीएमसीएच में इसका सटीक इलाज होता है. 13 दिसंबर को बेटे को लेकर यहां आया. 22 दिनों की इलाज में वह पूरी तरह से स्वस्थ्य दिख रहा है. उमेश के पुत्र ने बताया कि अब वह कभी नशा को हाथ नहीं लगायेगा. मोरो थाना क्षेत्र के बसुआरा अरैला निवासी नरेन्द्र कुमार राय की भी यही कहानी है. संगत में आकर वह नशे का शिकार हो गया. दस दिनों की इलाज के बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हो चुका है. बताता है कि अब कभी भी नशा को हाथ नहीं लगायेगा.