सख्ती. त्योहार के कारोबार पर वाणिज्य कर विभाग की नजर
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बिक्री कर चोरी करनेवालों की खैर नहीं, होगी कार्रवाई
सख्ती. त्योहार के कारोबार पर वाणिज्य कर विभाग की नजर दरभंगा : त्योहारों को लेकर बाजार तैयार है. कारोबारियों ने अपना स्टॉक फुल कर लिया है. समय के साथ बाजार की रौनक में भी इजाफा हो रहा है. इस कारोबार की आड़ में राजस्व चोरी करने वालों पर वाणिज्य कर विभाग की नजर है. कर […]
दरभंगा : त्योहारों को लेकर बाजार तैयार है. कारोबारियों ने अपना स्टॉक फुल कर लिया है. समय के साथ बाजार की रौनक में भी इजाफा हो रहा है. इस कारोबार की आड़ में राजस्व चोरी करने वालों पर वाणिज्य कर विभाग की नजर है. कर चोरी के प्रति इस बार विभाग का रूख काफी सख्त है. निबंधित के साथ ही बिना निबंधन के चल रही दुकानों, ट्रांसपोर्टरों एवं अन्य व्यवसायियों तथा संवेदकों पर वाणिज्यकर विभाग की टेढी नजर है. अब कोई भी कारोबारी बिना निबंधन के कारोबार नहीं चला सकता है.
पकड़े जाने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ेगा. जिले में हजारों दुकानें हैं. अपने प्रतिष्ठान के सहारे हजारों लोग अपने परिवार का भरन-पोषण करते हैं, लेकिन अपनी दुकान का अब तक निबंधन नहीं कराया है. इससे जहां ऐसी दुकानों पर विभाग का सीधा नियंत्रण नहीं है, वहीं ये लोग वाणिज्य कर विभाग को कर चोरी कर चूना भी लगा रहे हैं. ऐसे दुकानदारों पर लगाम लगाने के लिए विभाग ने कमर कस लिया है. इसके लिए विभाग की ओर से दुकानों के भौतिक सत्यापन की तैयारी है.
विभाग की भूमिका पर सवाल
इधर टैक्स चोरी में विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ व्यवसायियों ने बताया कि विभाग के ही लोगों की मदद से वे अपना कारोबार बेखौफ चलाते हैं. बस उन्हें खुश रखना पड़ता है. कहा जाता है कि विभाग के ही कुछ कर्मी कारोबारी की मदद करते हैं. जांच से पूर्व ही कारोबारियों को निरीक्षण की सूचना मिल जाती है. लाख तत्परता दिखाने के बावजूद जांच प्रभावित हो जाती है.
दुकानों के भौतिक सत्यापन में जुटा विभाग
गैर निबंधित दुकानदारों पर कार्रवाई को कसी कमर
जिले में मात्र 12 हजार कारोबारियों का निबंधन
वाणिज्य कर विभाग के पास जो आंकड़े हैं, उसके मुताबिक मात्र 12 हजार कारोबारियों ने ही अपनी दुकान का निबंधन करा रखा है. शेष कारोबारी निबंधन कराये बगैर अपना कारोबार चला रहे हैं. यहां बता दें कि जिला में लगभग 25 हजार छोटे-बड़े कारोबारियों का धंधा चल रहा है. वैसे जानकार बताते हैं कि अगर स्थल निरीक्षण बारीकी से किया जाये तो यह आंकड़ा और बड़ा हो सकता है.
किन व्यवसायियों के लिए टिन नंबर अनिवार्य
जिस व्यवसायी का कारोबार एक लाख से अधिक का है, उनके लिए टिन नंबर लेना अनिवार्य है. विभागीय नियम के मुताबिक ऐसे कारोबारी जिनका टर्न ओवर एक लाख से अधिक है, उनके लिए निबंधन कराना अनिवार्य है, हालांकि हजारों की संख्या में ऐसे व्यवसायी हैं जिन्होंने अब तक यह नहीं लिया है.
टिन नंबर का क्या है लाभ
टिन नंबर कारोबारियों के लिए काफी लाभकारी है. कारोबारियों किसी भी तरह के आकस्मिक दुर्घटना होने पर उतना ही का लॉस दिखा कर प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं. यह राशि उतनी ही होगी जितना का कारोबारियों द्वारा कर दिया जा रहा है. हालांकि वह रिनुअल होते रहने तक ही मान्य होगा.
ऐसे हो रही टैक्स की चोरी
अधिकांश कारोबारी जितनी बिक्री कर जमा करते हैं, उससे अधिक का समान बेचते हैं. दुकान से दूर गोदाम रखते हैं. टैक्स खुदरा का देते हैं और व्यापार थौक का कर रहे होते हैं. एक ही फार्म के नाम पर कई फार्म चलाते हैं. इतना ही नहीं बिक्री तो करते हैं, लेकिन साल में कई तिमाही बिक्री शून्य दिखाते हैं.
कार्रवाई का प्रावधान: बिना टीन नंबर लिए कारोबार चलानेवालों पर कार्रवाई का प्रावधान है. पकड़े जाने पर भादवि की धारा 28 (1) के तहत पकड़े गए समान का तीगुणा जुर्माना वसूल किया जायेगा. साथ ही एक साल की सजा भी हो सकती है. इसके अतिरिक्त उन्हें काली सूची में डाल देगा.
यह सही है कि राजस्व चोरी हो रही है, लेकिन गुप्त सूचना के अधार पर छापामारी चल रही है. अब तक कई कारोबारियों की दुकानों पर छापामारी की जा चुकी है. इसमें अधूरा टैक्स देने वाले एवं बिना निबंधन कारोबार करनेवाले भी हैं. बिना निबंधित कारोबारियों को निबंधन कराने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. वर्ष 2015-16 के अगस्त माह तक पांच लाख 20 हजार 800 रुपये राजस्व उगाही की गयी थी. वहीं वर्ष 2016-17 के अगस्त माह तक में 6 लाख 20 हजार रुपये राजस्व संग्रह हो चुका है.
अयोध्या पासवान, संयुक्त आयुक्त, वाणिज्यकर विभाग
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