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गहमागहमी के बीच 1205 कर्मियों ने किया मतदान

गहमागहमी के बीच 1205 कर्मियों ने किया मतदान पुख्ता इंतजाम में देर शाम तक हुई वोटिंग विधानसभा वार मतदान की थी व्यवस्थाफोटो- 8 व 9परिचय- वोटिंग के लिए कतार में खड़े मतदान कर्मी एवं मतदान के बाद लिफाफा को ड्रॉप बॉक्स में गिराते कर्मीदरभंगा. पहली बार सुनियोजित तरीके से पोस्टल बैलेट से मतदान करने की […]

गहमागहमी के बीच 1205 कर्मियों ने किया मतदान पुख्ता इंतजाम में देर शाम तक हुई वोटिंग विधानसभा वार मतदान की थी व्यवस्थाफोटो- 8 व 9परिचय- वोटिंग के लिए कतार में खड़े मतदान कर्मी एवं मतदान के बाद लिफाफा को ड्रॉप बॉक्स में गिराते कर्मीदरभंगा. पहली बार सुनियोजित तरीके से पोस्टल बैलेट से मतदान करने की खुशी कर्मियों के चेहरे पर झलक रही थी. मतदान को लेकर विधानसभा वार फैसिलिटेशन सेंटर सह मतदान केंद्रों पर रविवार को प्रशिक्षण लेने पहुंचे कर्मियों के बची गहमागहमी का माहौल था. स्थानीय प्लस टू सफी मुस्लिम हाई स्कूल एवं डा. जाकिर हुसैन टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में पीठासीन पदाधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान मतदान करने की सुविधा जिला प्रशासन ने की थी. इस मतदान में दसो विधानसभा क्षेत्रों से जुड़े 2015 कर्मियों ने मतदान किया. मतदान करने के लिए वोटर आइ कार्ड सहित चुनाव आयोग से अनुमोदित 11 विकल्पों से भी मतदान करने की अनुमति थी. मतदान को लेकर सभी विधानसभा क्षेत्रों के एआरओ सहित आरओ भी मौजूद थे. मतदान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. पोस्टल बैलेट से मतदान 30 अक्टूबर तक कराये जायेंगे. पूर्व में तिथि 27 से निर्धारित थी, लेकिन इसे संशोधित करते हुए 25-30 अक्टूबर तक तय कर दिया गया है. इस दौरान कर्मियों की वोटिंग भी करायी जायेगी. वोटिंग के बाद मतपत्रों के लिफाफा को अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि और निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष देरशाम एमएल एकेडमी में बनाये गये वज्रगृह में सीख कर दिया गया. इन कर्मियों में कई तरह की रोचक चर्चा होती रही.पहली बार हुआ इस तरह से मतदानइसके पहले मतदान केंद्र पर मतदान अधिकारियों के लिए यह व्यवस्था रहती थी. किंतु इसके लिए अलग पैकेट तथा लेखा जोखा के झमेले को लेकर प्राय: इस तरह के मतदान में परहेज ही किया जाता था. किंतु पहली बार चुनाव आयोग की पहल पर मतदान अधिकारियों को चुनाव पूर्व मतदान का मौका मिला. कई कर्मी एवं शिक्षक तो यहां तक कहते देखे गये कि चुनाव तो कई कराये, लेकिन स्वयं मतदान करना तो भूल ही चुके थे. इस बार वे मतदान करने के बाद काफी प्रसन्न दिख रहे थे. नाम ढूंढ़ने में भी पीछे नहींमतदान केंद्रों के समीप प्रखंडवार मतदान में हिस्सा लेने वाले कर्मियों के नाम की सूची में पीठासीन अधिकारियों को अपना नाम व क्रम संख्या ढूंढ़ते देखे गये. दीवाल पर चस्पे सूची के पास अपना एवं आने सहयोगी का नाम ढूंढ़ने में मदद में बड़ी तत्परता देखी गयी. कई कर्मी रह गये वंचितपहचान पत्र के अभाव में कई मतदान अधिकारी मतदान नहीं कर सके. इसको लेकर उनमे हताशा भी देखा गया. किंतु प्रशिक्षकों ने इस सुविधा का उपायोग 30 अक्टूबर तक करने की बात करने पर वे आश्वस्त हुए. कई पीठासीन अधिकारियों को यह कहते सुना गया कि वे मतदान में जरूर हिस्सा लेंगे तथा उनके द्वारा 30 तक इसमे भाग लेने का संकल्प दुहराते देखा गया. कृपया इसे बॉक्स में डालेंपार्टी को लेकर कर्मियों में रही अलग-अलग राय प्रशिक्षण के क्रम में मतदान को लेकर पीठासीन अधिकारियों में अलग अलग तरह की चर्चा का माहौल रहा. कोई किसी पार्टी का समर्थक तो कोई और पार्टी का. लेकिन बाद में चर्चा विकास के मुद्दे पर केंद्रित हो गया. एक समूह में चर्चा में ज्योंहि एक विचारधारा के कर्मी ने अपनी पार्टी के बारे मेें हमेशा जीत की बात कहा तो वहां अन्य लोगों में इसका कारण जानने की उत्सुकता दिखी. उस विचारधारा वाले व्यक्ति ने जब इसका खुलासा किया कि चुनाव के पूर्व कम पैसे एवं मतदाता से चंदा लेकर 5-10 हजार वोट भी ले आना उनकी जीत मानी जायेगी तो इसपर खुलकर ठहाके लगे. वहीं कर्मियों में सभी पार्टी के टांग खींचने में पीछे नहीं दिख रहे थे. लेकिन ज्योंहि मतदान के पक्ष की जानकारी चाही तो इसे गुप्त मतदान की बात कर पल्ला झाड़ते देखे गये.

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