दरभंगा. पिछले छह दिनों से जिस क्षण की प्रतीक्षा श्रद्धालुओं को थी, वह घड़ी शुक्रवार को आ गयी. मां जगदम्बा का पट खुल गया. पट खुलते ही भक्तों की भीड़ मां के दरबार में उमड़ पड़ी, श्रद्धालुओं ने मैया की पूजा-अर्चना की. वहीं महिलाओं ने मां का खोंइछा भर समृद्धि, कल्याण व शांति का आशीष मांगा. इस दौरान भगवती के जयकारे से वातावरण अनुगूंजित होता रहा.
शुक्रवार की सुबह आचार्य के मार्ग दर्शन में संकल्पित श्रद्धालु बेल के वृक्ष के समीप पहुंचे. जिस वृक्ष को गुरुवार को निमंत्रित किया गया था उसी वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना कर बेलतोड़ी की. इस बेल को माता के चरण में अर्पित किया. इसके बाद मां की प्रतिमा का चक्षुदान किया गया. इसके बाद पट खोल दिया गया. पट खुलने से पूर्व शास्त्रीय विधि से माता की आराधना हुई. इस दौरान पूजा-पंडालों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे. जैसे ही पट हटा, दुर्गा मैया का जयकारा गूंज उठा. काफी देर तक जयकारे वातावरण में गूंजायमान होता रहा.
दोपहर से ही पूजा-पंडालों में भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी. शाम ढलते-ढलते पूरा पंडाल भक्तों से पट गया. इसमें महिलाओं की संख्या कुछ ज्यादा ही नजर आ रही थी. हसनचक, भगत सिंह चौक, कटहलबाड़ी, लक्ष्मीसागर, दरभंगा जंकशन, जं. चौक, दोनार, अललपट्टी, बेंता, उर्दू बाजार, केएम टैंक, सैदनगर, कादिराबाद, आजमनगर, शुभंकरपुर सहित शहर के दर्जनों पूजा-पंडाल भक्तों से पटा रहा. इससे पूर्व सप्तमी तिथि को भगवती के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा-अर्चना विधि-विधानपूर्वक की गयी. विश्व कल्याण की कामना के साथ ‘सर्व मंगल मांगल्ये..’ बीज मंत्र से आबद्ध दुर्गा सप्तशती का पाठ चलता रहा. दैनिक पूजन के संपन्न होते ही श्रद्धालु निशा पूजा की तैयारी में जुट गये.