-अमित रंजन-
दरभंगाः अफ्रीका महादेश की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो फतह करने के बाद दरभंगा के राजीव सौमित्र सोमवार को भारत पहुंचेंगे. रविवार को उन्होंने नैरोबी के हवाई अड्डे से भारतीय समयानुसार शाम 7.10 बजे अमीरात हवाई सेवा से दुबई के लिए उड़ान भरी.
दुबई पहुंच कर वहां से वे मुंबई के लिए फ्लाइट लेंगे. फिर सोमवार को मुंबई से दिल्ली के लिए उनकी फ्लाइट है. सब कुछ तय समय पर हुआ तो वे सोमवार को 11 बजे दिल्ली पहुंच जायेंगे. उड़ान भरने से कुछ देर पहले नैरोबी से ही दूरभाष पर उन्होंने अपनी यात्र के अनुभव शेयर किये. कहा, अफ्रीकी संस्कृति ने उन्हें कदम-कदम पर चौंकाया. यहां के लोग मिलनसार और गजब के अतिथिनवाज हैं.
किलिमंजारो फतह करने में उनके गाइड नैरी थे. जब वे केन्या में हुए कत्लेआम के बाद तंजानिया में फंस गये थे, तब नैरी ने उनसे अपनी फीस में कुछ नहीं लिया. कहा, पहले इंडिया पहुंच जाइये. वहीं से आप पैसा भेज दिजीएगा. राजीव बताते हैं कि करीब चार हजार डॉलर बकाया है. मैंने क्रेडिट कार्ड से भुगतान करना चाहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. आज के समय में किसी विदेशी के प्रति ऐसा विश्वास मुश्किल से दिखता है. अफ्रीका महादेश की यह यात्र शानदार रही. बता दें कि जिले के बहादुरपुर प्रखंड स्थित कुशोथर पंचायत के जोगियारा गांव में राजीव सौमित्र का पुश्तैनी घर है. राजीव की मां डॉ गायत्री सिन्हा व गांव में लोग बेसब्री से राजीव का इंतजार कर रहे हैं. राजीव भी दरभंगा आने को बेताब हैं. कहते हैं दिल्ली आने के बाद जल्द ही दरभंगा आउंगा.
नैरोबी में मारे गये लोगों को दी श्रद्धांजलि
राजीव ने 21 सितंबर को तंजानिया स्थित किलिमंजारो पर्वत पर तिरंगा लहराया था. इसके बाद सोमालिया के आतंकी संगठन अल शबाब ने केन्या की राजधानी नैरोबी के वेस्टगेट मॉल में कत्लेआम किया था. इसमें भारतीय मूल के लोगों सहित कई लोगों की मौत हो गयी थी. शनिवार की रात मॉल के सामने एक श्रद्धांजलि सभा हुई. इसमें राजीव ने भी मृतकों को श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस दौरान उनके साथ भारत के उच्चयुक्त शिवव्रत त्रिपाठी सहित सैकड़ों भारतीय मूल के लोग थे. राजीव ने बताया कि नैरोबी में करीब 15 हजार भारतीय मूल के लोग हैं. 12 फीसदी मुसलिम आबादी है. बड़ी संख्या गुजरातियों की है. कत्लेआम की घटना के बाद लोग आहत हैं. उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति की कामना की.