सिंहवाड़ा . भूकंप से लोग इस तरह भयभीत हैं की अचानक चौंक जाते हैं. लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोग सोते -जागते, उठते- बैठते चौंक रहे हैं. किसी कारण से अगर कोई चीज हिलता डोलता है तो लगता है कि भूकंप फिर आ गया. अधिकांश समय लोगों का घर से बाहर ही बीत रहा है. इसी बीच अफवाहों का दौर भी खूब चल रहा है.
.कोई कभी भी भूकंप आने की संभावना की बात कह भय का माहौल बना देता है.आखिर भय हो भी क्यों न. शायद धरती पर पहलीबार लगातार इतने कम समय में इतना झटका आया है. बूढे, बच्चे, जवान सभी की जुबान पर सिर्फभूकंप की ही चर्चा सुनने को मिलता है. बुजुगार्ें का कहना है कि इस वर्ष के भूकंप के साथ आंधी -तूफान और वर्षा भी था. जबकि पहले ऐसा देखने को नहीं मिलता था.
क्षति भी इस बार के भूकंप में अधिक हुआ है. अधिकांश लोगों की मौत ह्रदय गति रु कने से हुई है. जिस तरह झटके पर झटका आ रहा है, इस वजह से लोग अचानक चौंक रहे हैं. ह्ृदय रोग के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. सैकड़ों लोग हुए बेघर एक तो लोग आंधी की मार पहले से ही झेल रहे थे, उपर से भूकंप की त्रासदी ने सैकड़ों मजबूर को बेघर कर दिया है. कच्चे, फूस के मकान वाले किसी तरह बेघर होने के बाद समय गुजार रहे हैं. सामर्थ नही रहने के कारण तपती धूप और रात के अंधेरे को खुले आसमान के नीचे बीता रहे हैं. कई लोगों ने तो अपने घर की मरम्मत इसलिए नहीं करा रहे है कि उनके घर का सरकारी स्तर पर सर्वे नहीं हुआ है. मरम्मत कराने के बाद उन्हें सरकारी मुआवजा नहीं मिलेगा.