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कक्षा तीन के मात्र 10 फीसदी बच्चे ही जानते हैं कहानी

दरभंगाः सरकारी स्कूलों में डायट द्वारा जांच पत्रक के विकास के क्रम में हुए परीक्षण में छात्रों के ज्ञान का स्तर काफी कम पाया गया. शहर के तीन स्कूलों के करीब 280 छात्रों पर जांच पत्रक परीक्षण में बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं. प्रखंड संकुल एवं शिक्षकों के दल द्वारा किये गये जांच […]

दरभंगाः सरकारी स्कूलों में डायट द्वारा जांच पत्रक के विकास के क्रम में हुए परीक्षण में छात्रों के ज्ञान का स्तर काफी कम पाया गया. शहर के तीन स्कूलों के करीब 280 छात्रों पर जांच पत्रक परीक्षण में बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं.

प्रखंड संकुल एवं शिक्षकों के दल द्वारा किये गये जांच में भाषा विषय के कक्षा 3 में मात्र 19 प्रतिशत छात्र ही कहानी एवं अनुच्छेद जानते हैं. जबकि इस विषय में कक्षा 4 का उपलब्धि स्तर 25 प्रतिशत तथा कक्षा 5 में 50 प्रतिशत स्तर तक पहुंच सका. यह आंकड़ा विभिन्न विद्यालयों में भिन्न-भिन्न है किंतु तीनों विद्यालयों के समेकित परिणाम यही है. राजकीय मध्य विद्यालय बाजिदपुर में कक्षा-4 में शामिल 16 छात्रों का भाषा में उपलब्धि का स्तर वाक्य एवं शब्द के ज्ञान में 44 प्रतिशत जबकि अक्षर ज्ञान में 31 प्रतिशत पाया गया.

इसी विद्यालय में कक्षा 5 के 25 छात्रों पर किये गये जांच में 37 प्रतिशत बच्चे को वाक्य एवं शब्द का ज्ञान था तथा इतने प्रतिशत बच्चों को अक्षर ज्ञान का उपलब्धि पाया गया. इसी से मिलता-जुलता आंकड़ा राजकीय मध्य विद्यालय उर्दू बाजार में भी पाया गया. इसी प्रकार के आंकड़े गणित विषय में म. वि. बाजिदपुर एवं मध्य विद्यालय मुसासाह में पाये गये. इस विषय में संख्यांक का ज्ञान, हासिल के जोड़-घटाव एवं हासिल के गुणा-भाग में कक्षा 3 में ओवर ऑल उपलब्धि 25 प्रतिशत, कक्षा 4 में 35 प्रतिशत तथा कक्षा 5 में 40 प्रतिशत छात्रों को इसका ज्ञान था. गत 5-6 जुलाई को इस विषय में 54 बच्चों पर जांच परीक्षण किया गया था.

इस विषय की जांच में कक्षा 3 में संख्यांक का ज्ञान मात्र 20 प्रतिशत, कक्षा 4 में 32 प्रतिशत तथा कक्षा 5 में 23 प्रतिशत पाया गया. हासिल के जोड़-घटाव में कक्षा 3 में 33 प्रतिशत, कक्षा 4 में 23 प्रतिशत तथा कक्षा 5 में मात्र 9 प्रतिशत छात्रों को इसका ज्ञान था. जबकि हासिल के गुणा-भाग में कक्षा 3 में मात्र 22 प्रतिशत, कक्षा 4 में 10 प्रतिशत तथा कक्षा 5 के छात्रों में 28 प्रतिशत उपलब्धि स्तर पाया गया. जांच पत्रक विकास के विद्यालयों में किये गये परीक्षण के बारे में डायट के प्राचार्य डॉ सुभाष चंद्र झा ने इसे प्रथम संस्था की असर रिपोर्ट से मिलते-जुलते आंकड़े बताते हैं जिसके आधार पर सरकार ने मिशन गुणवत्ता कार्यक्रम शुरू किया है. इस मामले में एक चौंकाने वाला तथ्य यह पाया गया कि किसी-किसी कक्षा में उच्च कक्षा से निमA कक्षा के बेहतर परिणाम हैं. इसे शिक्षक की दक्षता से जोड़ते हुए इस तरह के परिणाम आने की बात
कहते हैं.

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