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कैंपस… भाई-भतीजावाद का विरोध करती है गीता

संस्कृत विभाग में राष्ट्रीय सेमिनार शुरू ‘समाज निर्माण में भगवद्गीता की भूमिका पर चर्चाफोटो संख्या-05परिचय- मंचासीन अतिथि फोटो संख्या- 06परिचय- कार्यक्रम का उद्घाटन करते अतिथि फोटो संख्या- 07परिचय- उपस्थित प्रतिभागीदरभंगा. गीता शक्ति प्रदान करने वाला गं्रथ है. यह भाई-भतीजावाद का विरोध ही नहीं करती, बल्कि न्याय के पक्ष में किसी भी शक्ति को चुनौती देने […]

संस्कृत विभाग में राष्ट्रीय सेमिनार शुरू ‘समाज निर्माण में भगवद्गीता की भूमिका पर चर्चाफोटो संख्या-05परिचय- मंचासीन अतिथि फोटो संख्या- 06परिचय- कार्यक्रम का उद्घाटन करते अतिथि फोटो संख्या- 07परिचय- उपस्थित प्रतिभागीदरभंगा. गीता शक्ति प्रदान करने वाला गं्रथ है. यह भाई-भतीजावाद का विरोध ही नहीं करती, बल्कि न्याय के पक्ष में किसी भी शक्ति को चुनौती देने की प्रेरणा भी देती है. लनामिविवि के संस्कृत विभाग के द्विदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन मुख्य वक्ता संस्कृत में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ राधाकांत ठाकुर ने यह बातें कही. उन्होंने गीता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कई शूरवीर योद्धाओं का दमन करनेवाला वीर अर्जुन भी जब मोह पंख में फंसा हुआ था तो गीता के ज्ञान ने उनका मार्गदर्शन किया. भौतिकी विभाग के सभागार में प्रतिकुलपति प्रो सैयद मुमताजुद्दीन ने सेमिनार का उद्घाटन किया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के धर्मागम के अध्यक्ष डॉ कमलेश झा, अंतरराष्ट्रीय गीता प्रचार परिषद के प्रवक्ता डॉ दुर्गा प्रसाद उपाध्याय, कर्नाटक के प्रख्यात गीता मर्मज्ञ सुब्रहृमण्यम शास्त्री, विशिष्ट अतिथि काजी मुमताजुल हक, मुन्नु लाल मिश्रा सिहत कई विद्वानों ने अपने व्याख्यान दिये. सभा की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ कालिकादत्त झा ने की. सेमिनार में संस्कृत विभाग के शिक्षक सह संयोजक डॉ जयशंकर झा, डॉ ऋषिकेश झा आदि ने भी अपने विचार रखे.

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