दरभंगाः राज्य सरकार के नगर विकास एवं आवास मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आठ वर्ष पूर्व 28 अप्रैल, 2006 को शहरी जलापूर्ति योजना का शिलान्यास करते समय घोषणा की थी कि दो साल के भीतर शहर के पांच भागों में जलापूर्ति योजना शुरू कर दी जाएगी. जिसके बाद शहर की पूरी आबादी को जलापूर्ति का लाभ मिलेगा. लेकिन विडंबना यह है कि इसके बाद से लगातार नगर विकास एवं आवास विभाग ने जलापूर्ति योजना मद में राशि आवंटन करती रही लेकिन कार्यकारी एजेंसी पीएचइडी एवं कार्य एजेंसी कोलकाता के जैन इम्फ्रा प्रोजक्ट लिमिटेड तथा किलरेस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने इस गति को कछुए से भी धीमी कर दी.
परिणाम यह हुआ कि आठ वर्ष बाद भी एक भी पंप से लोगों की प्यास नहीं बुझायी जा सकी है. इतनी बड़ी सरकारी राशि खर्च होने के बावजूद भी उसका लाभ आमजन तक नहीं मिलने पर विभिन्न राजनीतिक दल एवं जनप्रतिनिधि मौन बने हुए हैं.
करोड़ों का हुआ भुगतान
वित्तीय वर्ष 2005-06 में सरकार ने दरभ्ांगा शहरी जलापूर्ति योजना के लिए आठ करोड़ की राशि की स्वीकृति दी. इनमें वार्ड 16, 17, 18 के लिए शुभंकरपुर में नगर निगम की जमीन पर, वार्ड 8, 9, 10 में लक्ष्मीसागर में पशुपालन विभाग परिसर में, वार्ड 23, 24, 25, 26, 27, 28, 30 वार्डो के लिए बाकरगंज में पीएचइडी कार्यालय परिसर में, वार्ड 12, 13, 14, 15, 19, 20, 21 के लिए लालबाग में नगर निगम गोदाम परिसर में तथा वार्ड नंबर 36, 37 के लिए रायसाहब पोखरा के निकट पीडब्लयूडी की जमीन पर पानी टंकी एवं पंप हाउस बनाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद से सरकार ने क्रमश: इस मद में राज्य योजना मद से अबतक 8 करोड़ 73 लाख 58 हजार 500 तथा 12वां वित्त से 21 करोड़ 12 लाख 67 हजार रुपये का भुगतान नगर निगम के माध्यम से पीएचइडी विभाग को कराया है.